कोरोना को बेकाबू होने से रोकने में जुटा विभाग:, ट्रैवल हिस्ट्री के माध्यम से लोगों को किया जाएगा चिन्हित
रांची
झारखंड में कोरोना एक बार फिर से तेज से पांव पसार रहा है। शहरों से निकलकर इसने ग्रामीण इलाकों का रुख कर लिया है। इसे बेकाबू होने से रोकने के लिए हेल्थ सेक्रटरी केके सोन ने सभी जिले के DC को जांच की रफ्तार बढ़ाने और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर मरीजों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है।
साथ ही हेल्थ सेक्रेट्री ने केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, MP, छत्तीसगढ़ से झारखंड आने वाले लोगों की जांच कराने का निर्देश दिया है । इतना ही नहीं इनकी ट्रैवल हिस्ट्री निकाल कर ये जहां-जहां ठहरे हैं वहां कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर उन लोगों की भी जांच कराने का निर्देश दिया गया है।
नियम के मुताबिक सैंपल कलेक्ट करें और लक्षण वाले की जांच अनिवार्य
हेल्थ सेक्र्ट्री ने कहा है कि कई जिलों से लिए गए सैंपल जांच के मानकों के अनुरूप नहीं होते हैं। ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए। जो सैंपल कलेक्ट किए जाएं वो जांच के अनुरूप हों। इसके साथ राज्य भर के CHC और PHC में पहुंचने वाले ऐसे मरीज जिनमें कोविड के प्राइमरी लक्षण हों उनकी भी जांच कराने का निर्देश हेल्थ विभाग की तरफ से दिया गया है। उन्होंने कहा कि हर हाल में लक्षण वाले मरीजों की जांच अनिवार्य है।
भीड़भाड़ वाले इलाकों में सख्ती के साथ जांच की रफ्तार भी बढ़ाएं
हेल्थ सेक्रेट्री ने शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में भीड़-भाड़ वाले इलाके में सख्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि इन इलाकों में हर हाल में कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जाए। इसके साथ ही जांच की रफ्तार को बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। हेल्थ सेक्रेट्री ने कहा है कि कंटेन्मेंट जोन में संदिग्ध की जांच के साथ हर जिले में लक्ष्य के मुताबिक जांच होनी चाहिए। साथ ही सप्ताह में एक दिन हाई रिस्क मरीज या गंभीर बीमारियों वाले मरीजों की जांच के लिए सुनिश्चि करें।
लोगों से सीधे संपर्क में आने वाले कर्मचारियों की भी होगी जांच
इसके साथ ही हर जिले में लोगों से सीधे संपर्क में आने वाले कर्मचारियों व श्रमिकों की जांच भी विशेष जांच अभियान के माध्यम से कराने का निर्देश दिया गया है। हेल्थ सेक्रेट्री ने निर्देश दिया है किड्राइवर, बैंक स्टाफ, पोस्ट ऑफिस पर्सन ल, नगर पालिका श्रमिक, हाट बजार, सब्दजी, स्ट्रीट वेंडर्स, एयरपोर्ट, रेलवे आदि में कार्यरत कर्मियों की प्राथमिकता के आधार पर जांच कराई जाए।