चुनाव के शोर के बीच आम जनता के भूमि दस्तावेज संबंधी ऑन लाइन म्युटेशन के काम के पिछले महीने दिन से अधिक समय से ठप होने का दर्द दबा दिया गया है. हालांकि चुनाव घोषणा के पहले से ही म्युटेशन ठप हो गया था, लेकिन न राजस्व विभाग, न आई टी और न ही कर्ता धर्ता सरकार ने इस ऑनलाइन बंदी को दुरुस्त करने पर ध्यान दिया. आचार संहिता में इस पर कोई रोक नहीं हो सकती लेकिन चुनावी व्यस्तता अब कारण गिना कर अभी कितने दिन तक यह दर्द दिया जाएगा कहा नहीं जा सकता. प्रदेश में म्युटेशन ऑन लाइन का प्रावधान लागू है, और जानकार सूत्रों के अनुसार इसका रख रखाव एन आई सी द्वारा किया जाता है. फिलहाल एन आई सी ने इस काम से हाथ खींच लिए है. इसको लेकर तरह तरह की बातें कहीं जाती है लेकिन आधिकारिक रूप से कोई वक्तव्य नहीं दिया जा रहा. प्रदेश में भूमि अभिलेखों में कतिपय गड़बड़ियों में ई डी ने हाथ डाला और कुछ राजस्व कर्मी उसकी चपेट में आए.
इस क्रम में एन आई सी के कर्मियों पर भी आंच आने की बात कही जा रही है. एन आई सी द्वारा ऑनलाइन म्युटेशन से हाथ खींचने पर इस चर्चा को ज्यादा ही बल मिल रहा. म्युटेशन जमीन के स्वामित्व को स्थापित करने में अहम होता है. जिस प्रकार रजिस्ट्री में सरकार को राजस्व प्राप्ति होती है उसी प्रकार म्युटेशन में अंचल कार्यालयों और कर्मियों की ख़ुशी होती है