नई दिल्ली पाकिस्तानी क्रिकेटर्स का IPL में खेलने का सपना 2022 में पूरा हो सकता है। इन खिलाड़ियों को 2008 के पहले सीजन में पहली और आखिरी बार मौका मिला था। तब 12 पाकिस्तानी प्लेयर्स IPL में खेले थे। इसके बाद से उनका 14 साल का वनवास ही चल रहा है, अगले साल इसके खत्म होने की उम्मीदें जगी हैं।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आई है कि भारत और पाकिस्तान इस साल 3 मैच की टी-20 सीरीज खेल सकते हैं। इसके बाद भारत की मेजबानी में ही टी-20 वर्ल्ड कप भी होगा। इसको लेकर पाकिस्तान टीम भारत का दौरा करेगी। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि पाकिस्तानी प्लेयर्स को IPL में भी एंट्री मिल सकती है।
चेन्नई, पंजाब और मुंबई टीम में पाक का कोई क्रिकेटर नहीं खेला
IPL का पहला सीजन 8 टीमों के साथ 2008 में खेला गया था। तब 5 टीमों में कुल 12 पाकिस्तानी क्रिकेटर पहली और आखिरी बार टूर्नामेंट खेले थे। तब चेन्नई सुपर किंग्स (CSK), किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) और मुंबई इंडियंस (MI) ही ऐसी टीमें थी, जिसमें कोई पाक क्रिकेटर शामिल नहीं था। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में सबसे ज्यादा 4 पाकिस्तानी क्रिकेटर खेले थे।
राजस्थान रॉयल्स (RR) में 3, जबकि दिल्ली डेयरडेविल्स (DD) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) में 2-2 प्लेयर्स को जगह मिली थी। हैदराबाद की टीम डेक्कन चार्जर्स (DC) ने अकेले शाहिद अफरीदी को शामिल किया था।
मुंबई ने सबसे ज्यादा 5 और चेन्नई ने 3 बार खिताब जीता
2008 में राजस्थान रॉयल्स ने खिताब जीता था। उसने फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स को 3 विकेट से हराया था। तब से अब तक मुंबई ने सबसे ज्यादा 5 बार और चेन्नई ने 3 बार खिताब अपने नाम किया है। कोलकाता और हैदराबाद 2-2 बार चैम्पियन रही हैं। IPL का 14वां सीजन इसी साल 9 अप्रैल से 30 मई के बीच खेला जाएगा।
IPL के पहले ही सीजन में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सोहेल तनवीर ने एक मैच में 6 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया था। वे राजस्थान के लिए खेले थे। तनवीर ने चेन्नई के खिलाफ 4 ओवर में 14 रन देकर 6 विकेट लिए थे। उनका यह रिकॉर्ड 11वें साल में वेस्टइंडीज के बॉलर अल्जारी जोसेफ ने तोड़ा था। जोसेफ ने मुंबई के लिए खेलते हुए हैदराबाद के खिलाफ 3.4 ओवर में 12 रन देकर 6 विकेट लिए थे।
इन दोनों के अलावा ऑस्ट्रेलियाई बॉलर एडम जम्पा भी IPL 2016 सीजन के एक मैच में 6 विकेट ले चुके हैं। हालांकि, उन्होंने यह सफलता हासिल करने के लिए 4 ओवर में 19 रन खर्च किए थे। जम्पा ने राइजिंग पुणे सुपरजॉइंट्स के लिए खेलते हुए हैदराबाद के खिलाफ ये विकेट लिए थे।
2 नई टीमों के जुड़ने से अगले साल होगा मेगा ऑक्शन
2022 IPL में 2 नई टीमें जुड़ेंगी। तब टूर्नामेंट में कुल 10 टीमें हो जाएंगी। ऐसे में अगले साल मेगा ऑक्शन होगा। आखिरी मेगा ऑक्शन 2018 में हुआ था, क्योंकि चेन्नई और राजस्थान टीमें 2 साल का बैन झेलने के बाद लीग में वापस आई थीं। इस मेगा ऑक्शन में 182 स्लॉट के लिए 13 देशों के 578 खिलाड़ियों को चुनने के लिए 8 टीमों ने बोली लगाई थी।
मेगा ऑक्शन में फ्रेंचाइजी को ज्यादा से ज्यादा 5 खिलाड़ियों को रिटेन करने की परमिशन होती है। बाकी सभी खिलाड़ी ऑक्शन में शामिल होते हैं। इन्हें कोई भी फ्रेंचाइजी नीलामी में खरीद सकती है। इसमें नए सिरे से टीमें बनती हैं।
3 खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी शुरुआती राउंड में और 2 खिलाड़ियों को ऑक्शन के दौरान राइट टू मैच कार्ड से रिटेन कर सकती हैं।
फ्रेंचाइजी द्वारा रिटेन किए गए 3 खिलाड़ियों में 2 विदेशी प्लेयर भी हो सकते हैं।
इसके अलावा फ्रेंचाइजी राइट टू मैच कार्ड का इस्तेमाल कर भी पिछले स्क्वॉड में शामिल खिलाड़ियों को ला सकती हैं। सभी फ्रेंचाइजी के पास 2 राइट टू मैच कार्ड होते हैं।
अगर शुरुआती राउंड में 3 में से 2 रिटेन खिलाड़ी विदेशी होते हैं, तो फ्रेंचाइजी राइट टू मैच कार्ड से किसी भी विदेशी खिलाड़ी को स्क्वॉड में शामिल नहीं कर सकती हैं। अगर 3 में से 1 रिटेन खिलाड़ी विदेशी होता है, तो फ्रेंचाइजी राइट टू मैच कार्ड से 1 विदेशी खिलाड़ी को टीम में शामिल कर सकती हैं।
मिनी ऑक्शन क्या है?
IPL में 2 तरह की नीलामी होती है- मेगा और मिनी। इस साल यानी 2021 में मिनी ऑक्शन हुआ था। इसमें 8 टीमों ने 145.3 करोड़ रुपए खर्च कर 57 खिलाड़ी खरीदे। इनमें सबसे ज्यादा 67% रकम यानी 97.7 करोड़ रुपए सिर्फ 28 ऑलराउंडर्स पर खर्च हुए। नीलामी से पहले 292 प्लेयर्स को शॉर्टलिस्ट किया गया था। 8 टीमों में कुल 61 स्लॉट ही खाली थे।
मिनी ऑक्शन में फ्रेंचाइजी को टीम में बचे गैप को फिल करने के लिए बोली लगानी होती है। इसमें फ्रेंचाइजी ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती हैं।
रिलीज किए गए खिलाड़ी खुद को IPL गवर्निंग काउंसिल में फिर से रजिस्टर करवाते हैं। इसमें से शॉर्टलिस्ट किए गए खिलाड़ियों को अलग-अलग कीमत के स्लॉट में रखा जाता है।
फ्रेंचाइजी को एक तय समय के अंदर IPL गवर्निंग काउंसिल को अपने-अपने स्क्वॉड से रिटेन खिलाड़ियों की लिस्ट और निकाले गए खिलाड़ियों की लिस्ट देनी पड़ती है।
निकाले गए खिलाड़ियों की सैलरी कैप से आए रुपए और IPL द्वारा जोड़े गए पैसों को मिलाकर फ्रेंचाइजी नए खिलाड़ियों को खरीदती है।
फ्रेंचाइजी को स्क्वॉड की फुल स्ट्रेंथ (देशी-विदेशी प्लेयर) को ध्यान में रखते हुए प्लेयर्स खरीदने होते हैं।
इसके अलावा टीमों के पास ट्रांसफर विंडो (ट्रेड विंडो) का भी ऑप्शन होता है। इसके तहत खिलाड़ी दोनों टीमों की आपसी रजामंदी से फ्रेंचाइजी बदल सकते हैं। इसमें अनकैप्ड के साथ-साथ कैप्ड प्लेयर्स को भी टीमें ट्रेड कर सकती हैं।