नयी दिल्ली : अपने देश में अंगदान के प्रति जागरुकता कम है, लेकिन जम्मू के एक परिवार ने इसका महत्व समझा. जम्मू के इस परिवार की ४४ वर्षीय महिला ब्रेन डेड घोषित हुई तो उन्होंने अंगदान करने का फैसला किया.
इस फैसले से तीन मरीजों को जीवनदान मिला. महिला से प्राप्त दोनों किडनी अलग-अलग दो लोगों में और लीवर एक अन्य मरीज में प्रत्यारोपित किए गए, जबकि दोनों कॉर्निया को आईबैंक में सुरक्षित रख लिया गया है.
जम्मू निवासी बिंदिया कोहली का ब्रेन डेड घोषित होने के बाद उनके परिजनों ने अंगदान का फैसला लिया. बीते १६ जनवरी को दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती महिला की हालत गंभीर थी. डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. महिला अपनी मृत्यु के बाद अपने अंगदान करना चाहती थीं, परिवार ने उनके इस फैसले का सम्मान किया.
महिला से अंग प्राप्त करने के बाद अपोलो अस्पताल में ही एक ४० वर्षीय मरीज को लिवर प्रत्यारोपित किया गया. यह मरीज पिछले १५ दिन से अपोलो अस्पताल के आईसीयू में है. वहीं अपोलो में ही भर्ती एक महिला मरीज को किडनी प्रत्यारोपित की गई. इस महिला मरीज को पहले भी किडनी प्रत्यारोपण हो चुका है, लेकिन वह असफल होने के कारण दोबारा से प्रत्यारोपण किया गया है.
दूसरी किडनी को दिल्ली के ही एक अन्य अस्पताल में प्रत्यारोपण के लिए भेजा गया. राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) को सूचना देने के बाद दूसरे अस्पताल में भर्ती मरीज को किडनी उपलब्ध कराई गई जबकि कॉर्निया को नोटो ने आईबैंक में सुरक्षित रखवाया गया है. इनके प्रत्यारोपण से दो अन्य लोगों को नेत्र ज्योति प्राप्त होगी.