विपक्षी दलों के गठबंधन का नया नाम देशभक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (पीडीए) तय!

डी राजा ने किया खुलासा, शिमला में होगा अंतिम फैसला
नई दिल्ली साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम सामने आया है. विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम पीडीए बताया जा रहा है. हालांकि, इसको लेकर अभी मुहर नहीं लगी है. बताया जा रहा है कि अगले महीने शिमला में आयोजित बैठक में इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
शिमला में जुलाई महीने में होगी विपक्षी दलों की बैठक
बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी बैठक के बाद सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा ने शनिवार को विपक्षी गठबंधन को लेकर कहा कि आगे की बैठक जो जुलाई के पहले पखवारे (10-12 जुलाई के बीच) में शिमला में आयोजित होनी है, उसमें राष्ट्रीय विपक्षी एकता की प्रक्रिया को नई ऊंचाई देते हुए एक देशभक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (पैट्रियाटिक डेमोक्रेटिक एलायंस) की सारी पूर्वापेक्षाएं पूरी करते हुए उसे ठोस स्वरूप दिया जाना है, जिससे आगामी चुनावों में मोदी की निरंकुश सत्ता को अपदस्थ करने के लिए एक कड़े मुकाबले के लिए चुनावी परिदृश्य तैयार किया जा सके. वहीं, डी राजा ने रविवार को कहा कि गठबंधन का नाम पीडीए हो सकता है. हालांकि, इस बात पर जोर दिया कि अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
हम कह सकते हैं कि नए गठबंधन का नाम पैट्रियटिक डेमोक्रेटिक अलायंस यानि पीडीए हो सकता है. हमने इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया है. हमारा प्राथमिक उद्देश्य एनडीए को हराना है और सभी विपक्षी दलों की इस पर स्पष्टता है.

नए मोर्चे के नाम में दिखेगा धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक विचारधारा की झलक
बातचीत में डी राजा ने यह भी कहा कि प्रस्तावित मोर्चे पर आने वाले विपक्षी दलों की विचारधारा धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक है और नए मोर्चे के नाम में इसकी झलक दिखेगी. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सेक्युलर डेमोक्रेटिक फ्रंट है, जबकि बिहार में हमारा गठबंधन है. इसलिए हमारे पास एक ऐसा नाम होगा जो संयुक्त विपक्ष के रूप में हमारी प्रतिबद्धताओं को साझा करेगा. बताते चलें कि 2004 में आम चुनावों के बाद, कांग्रेस, वामपंथी और अन्य क्षेत्रीय दलों ने केंद्र में सरकार बनाने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का गठन किया था. वहीं, बिहार में राजद, जदयू, कांग्रेस और वाम दलों ने 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले एक साथ मिलकर एक महागठबंधन बनाया था.
शिमला बैठक में सीट बंटवारे के विभिन्न पहलुओं पर मुहर लगने की संभावना
पटना में बैठक के बाद डी राजा की घोषणा इस बात का संकेत है कि प्रस्तावित मोर्चे को औपचारिक रूप देने की कवायद पहले ही आगे बढ़ चुकी है और शिमला बैठक में इसकी संरचना और सीट बंटवारे के विभिन्न पहलुओं पर मुहर लगने की संभावना है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष की बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया था कि उन्हें’विपक्ष’ नहीं बल्कि ‘देशभक्त’ कहा जाना चाहिए, क्योंकि वे सभी देश के नागरिक थे. वहीं, बैठक के घटनाक्रम से अवगत राजद के शीर्ष नेताओं ने कहा कि नए गठबंधन के नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई है और इन सभी मुद्दों पर शिमला बैठक में चर्चा की जाएगी. राजद सांसद मनोज झा से जब पूछा गया कि नेताओं ने प्रस्तावित मोर्चे का नाम पीडीए रखा है तो उन्होंने कहा, हम कह सकते हैं कि बैठक बहुत सार्थक रही.

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