Opinion Poll : पांच राज्यों में कौन बना रहा है सरकार, जानिए क्या कहते हैं ओपिनियन पोल के आंकड़े

चुनाव आयोग की ओर से पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद देश में सियासी हलचल बढ़ गयी है. कुछ दिन बाद ही इन राज्यों में जोरदार प्रचार शुरू हो जाएगा. एबीपी न्यूज बंगाल समेत पांच राज्यों का ओपिनियन पोल लेकर आया है.
पुदुचेरी-किसको कितनी सीट ? ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी+ को 17 से 21 सीट मिलने का अनुमान है. वहीं कांग्रेस गठबंधन को 8 से 12 सीट मिल सकती हैं. इसके अलावा अन्य को 1 से 3 सीट मिलने की संभावना है. ओपिनियन पोल के हिसाब से प्रदेश में NDA की जीत दिख रही है.
किसको कितने प्रतिशत वोट ? पुदुचेरी में वोट प्रतिशत की बात करें तो ओपिनियन पोल में पता चला है कि बीजेपी+ यानी NDA को 46 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है. वहीं कांग्रेस+ को 36 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. इसके अलावा अन्य को 18 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है.
केरल-किसे कितनी सीटें ? सीटों के लिहाज़ से देखें तो ओपिनियन पोल कहता है कि एलडीएफ के खाते में इस बार 83-91 सीटें जा सकती हैं और यूडीएफ को 47-55 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. जबकि बीजेपी को महज़ 0-2 सीटें ही मिलती दिख रही हैं. अन्य को भी 0-2 सीटें ही मिलती नज़र आ रही हैं. केरल में कुल 140 सीटें हैं.
किसे कितने फीसदी वोट ? एबीपी न्यूज़ सी-वोटर के ओपिनियन पोल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को 40 फीसदी वोट मिलता नज़र आ रहा है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के खाते में 33 फीसदी वोट जा रहा है. जबकि बीजेपी को 13 फीसदी और अन्य को 15 फीसदी वोट मिलने की संभावना है.
तमिलनाडु में किसे कितनी सीटें? एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक तमिलनाडु में एआईएडीएमके गठबंधन को 58-66 सीटें मिलने का अनुमान है. तो डीएमके गठबंधन को सत्ता में लौटते हुए दिखाई दे रही है. यहां डीएमके गठबंधन को 154-162 सीटें मिल सकती है. वहीं अन्य के खाते में 8 सीटें जाने की संभावना है.
तमिलनाडु में किसे कितना वोट शेयर? एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक तमिलनाडु में एआईएडीएमके+ को 29 प्रतिशत वोट मिलता दिखाई दे रहा है तो वहीं डीएमके गठबंधन को करीब 41 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है. अन्य के खाते में करीब 30 प्रतिशत वोट मिल सकता है.
असम में सीएम की पहली पसंद कौन? एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के सर्वे के मुताबिक असम की जनता एक बार फिर मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती है. सर्वे में शामिल 44% लोगों ने सीएम के लिए अपनी पहली पसंद सर्बानंद सोनोवाल को बताया. वहीं दूसरे नंबर पर पूर्व सीएम तरुण गोगोई के बेटे और कांग्रेस नेता गौरव गोगई हैं. सर्वे में शामिल 26% लोगों को गौरव गोगोई को सीएम पद के लिए पहली पसंद बताया. तीसरे नंबर पर राज्य के वित्त मंत्री हेमंत विस्वा शर्मा हैं, इन्हें 15% लोगों ने मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद के तौर पर चुना
असम में किसे कितनी सीटें? एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक असम में बीजेपी गठबंधन की सत्ता में वापसी को नकार नहीं सकता. आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी+ के खाते में 68-76 सीटें जा सकती हैं. वहीं कांग्रेस गठबंधन को 43-51 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है. वहीं सर्वे में 27% वोट शेयर पाने वाले अन्य के हिस्से 5-10 सीटें आ सकती हैं. असम में विधानसभा की 126 सीटें और सदन में बहुमत के लिए 64 सीटें चाहिए.
एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक असम में बीजेपी+ के खाते में 42% वोट जाता दिखायी दे रहा है. वहीं कांग्रेस गठबंधन को 31% वोट मिल सकता है. असम में अन्य के खाते में 27 प्रतिशत वोट जा सकता है.
नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के तौर पर काम कैसा ? सर्वे में जब लोगों से ये सवाल किया गया तो 47 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी के काम को अच्छा माना. जबकि 39 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी के काम को खराब बताया. 14 फीसदी लोगों ने उनके काम को औसत करार दिया है.
ममता बनर्जी का मुख्यमंत्री के तौर पर काम कैसा ? इस सवाल पर 54 फीसदी लोगों ने उनके काम काज को अच्छा कहा, जबकि 30 फीसदी लोगों ने उनके काम को खराब बताया और 16 फीसदी लोगों ने कहा कि ममता का काम औसत रहा है.
बंगाल में मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद कौन ? इस अहम सवाल पर 56 फीसदी लोगों ने सीएम ममता बनर्जी को ही मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद बताया. इसके बाद 25 फीसदी लोगों ने दिलीप घोष को अपनी पसंद बताया और मुकुल रॉय को 9 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया. इनके बाद सुजॉन चक्रबर्ती 3 %, अधीर रंजन 2 %, अभिषेक बनर्जी 2 %, शुभेंदु अधिकारी 2 % और राजीब बनर्जी 1 % लोगों ने सीएम के तौर पर अपनी पसंद माना.
क्या पामेला कोकीन कांड की वजह से बीजेपी को नुकसान होगा ? इस सवाल पर बंगाल में 47 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि 34 फीसदी लोगों का कहना था कि नहीं इससे कोई नुकसान नहीं होगा. वहीं 19 फीसदी लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते हैं.

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