नई दिल्ली
केंद्र सरकार आरक्षण पर विपक्ष की घेराबंदी की काट के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। ओबीसी लिस्ट वाले बिल के बाद अब समुदाय की नाराजगी से बचने के लिए ओबीसी क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार विचार कर रही है।
केंद्र ने बुधवार को संसद को अवगत कराया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में क्रीमी लेयर का निर्धारण करने के लिए आय मानदंड में संशोधन का एक प्रस्ताव उसके पास विचाराधीन है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक व अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने यह जानकारी दी।
तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य प्रकाश बांदा ने केंद्र सरकार से जानना चाहा था कि क्या अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने भी ओबीसी क्रीमी लेयर की आयसीमा को बढ़ाने के लिए सिफारिश की है। इसके जवाब में भौमिक ने कहा, ‘जी हां। ओबीसी के मध्य क्रीमी लेयर का निर्धारण करने के लिए आय मानदंड में संशोधन हेतु एक प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।’
OBC आरक्षण बिल पर विपक्षी दलों को मजा क्यों नहीं आ रहा, 50% का पेच समझिएगौरतलब है कि ‘क्रीमी लेयर’ में ओबीसी के सामाजिक और आर्थिक रूप से तरक्की कर चुके सदस्य शामिल किए जाते हैं। फिलहाल 8 लाख सालाना आय वाले ओबीसी परिवारों को क्रीमी लेयर का हिस्सा माना जाता है। क्रीमी लेयर के दायरे में आने वाले परिवारों को सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई और सरकारी नौकरी में मिलने वाले 27 फीसदी आरक्षण का फायदा नहीं मिलता है।
क्रीमी लेयर में सालाना आय की सीमा का हर 3 साल में समीक्षा करने का प्रावधान है, इसके पहले 2017 में क्रीम लेयर के अंतर्गत सालाना आय की सीमा बढ़ाकर 8 लाख की गई थी। वहीं 2013 में आय की सीमा को बढ़ाकर 6 लाख किया गया था।