जमशेदपुर 26 अप्रैल संवाददाता कोरोना का डर आम जनता में इस कदर की समाया की शहर के सड़कों पर आवाजाही कम दुकानें बंद बाजारों में पसरा हैं सन्नाटा। शहर में लगातार कोरोना पॉजिटिव की बढती संख्या एक और जहां शहर वासियों के लिए चिंता बढ़ा दी है वही लोग सहम गए हैं। जिसका सीधा असर शहर के विभिन्न बाजारों में पड़ा है वहीं सड़कों में भी आवाजाही कम हो गई। आलम यह है कि साकची, बिस्टुपुर जुगसलाई समेत अन्य छोटे-बड़े बाजारों में दुकानें बंद पाई गई। केवल सरकारी गाइडलाइन के अनुसार किराना स्टोर मेडिकल स्टोर इक्का-दुक्का दुकानें खुली थी। देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानव के शहर में कर्फ्यू लगा हुआ है सड़कों पर केवल जरूरी काम से आने जाने वाले लोग ही नजर आ रहे थे या नौकरी पेशा या मजदूरी करने लगा किसी दिख रहा था सड़कों पर टेंपो की आवाजाही भी आम दिनों की अपेक्षा बहुत कम दिखी पेट्रोल पंप ओपन ग्राहकों की संख्या कम थी लोग केवल जो जरूरत का सामान है उसकी खरीदारी करने के लिए अपने घरों से निकल रहे हैं और खरीदारी करने के बाद घरों में दुबक जा रहा है हर आम आदमी के मुंह में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बढ़ते कोरोनावायरस के कारण उनका और उनके परिवार का भविष्य क्या होगा। दुकानदारों का अपना रोना है उनका कहना है कि करोना कॉल उनकी आमदनी एक चौथाई रह गई जबकि गरीब मजदूर वर्ग का कहना है कि घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है रिक्शा चालक ठेला वाले खोमचा वाले फेरी करने वाले परिवार का हाल बेहाल है जिनका गुजर बसर करना लेक मुश्किल हो गया है ऐसी परिस्थिति में वे सरकार पर जिला जिला प्रशासन पर टकटकी लगाए बैठे हैं नकारा ऐसी घोषणा कर दी कि मैं अपने परिवार का भरण पोषण कर सके। इस तबके का कहना है कि अगर लगातार इसी तरह हाथ हो मैं भूखमरी से मर जाएंगे। आज आम आदमी बेबस और लाचार दिख रहा है उनका और उनके परिवार का क्या होगा के करोना बढ़ते कहर के कारण परिवारों में भी चर्चा होने लगी है सब यह कह रहे हैं कि बेवजह सड़कों पर ना निकले जरूरी हो तभी बाहर जाएं वहीं दूसरी ओर जिला पुलिस प्रशासन के द्वारा भी लगातार शक्ति बरती जा रही है जिसके कारण भी अब लोग सड़कों पर आना नहीं चाहते हैं प्रशासन की कार्रवाई क्या एक और प्रशंसा की जा रही है दूसरी और गरीब तबके का कहना है कि उनका लालन-पालन कैसे होगा यहएक गंभीर समस्या उभर कर सामने आई हैं। शहर में लगाताार बढ़ते कोरोना के मरीज को देखते हुए जिलााा प्रशासन के द्वारा जो कदम उठाया गया है उसका असर भी बाजारों में दिखनेे लगा आवाजाही आम दिनों की अपेक्षा बहुत कम हो चुकी है। सुबह 12:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक सड़कें बिल्कुल सुनी पाई गई दो-तीन घंटे के भीतर ही लोग अपना जरूरी कार्य निपटाने में जुड़ जाते हैं वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग के द्वारा भी कानूनी कार्रवाई आम दिनों की अपेक्षा कम की जा रही है जिसका मुख्य कारण कोविड-19 है