नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार,जानें मंत्रियों की पूरी सूची,CM ने गृह अपने पास रखा, तेजस्वी को स्वास्थ्य, तेज प्रताप को वन पर्यावरण…

पटना
CM पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार ने एक हफ्ते के भीतर मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया। मंगलवार यानी 16 अगस्त को 31 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली। मंत्री बनने वाले कुल 31 विधायकों में RJD से सबसे ज्यादा 16, JDU से 11, कांग्रेस से 2, हम से एक और एक निर्दलीय शामिल है।
वजन के लिहाज से देखें तो ज्यादातर बड़े विभाग JDU के पास हैं। मुख्यमंत्री ने गृह, सामान्य प्रशासन समेत 5 विभाग अपने पास रखे हैं। वित्त JDU के विजय चौधरी को दिया गया है। तेजस्वी को स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास और ग्रामीण कार्य का जिम्मा मिला है। लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सौंपा गया है। इधर कांग्रेस के 19 में से केवल 2 विधायक मंत्री बने हैं। उन्हें भी पंचायती राज, मत्स्य और पशुपालन जैसे विभाग दिए गए हैं।
अगड़ी जातियों के मंत्रियों की संख्या घटी
नीतीश की नई कैबिनेट में पिछड़े-दलितों को पिछली बार से ज्यादा मौका मिला, तो अगड़ी जातियों के मंत्रियों की संख्या में कमी आई। सबसे ज्यादा 8 यादव मंत्री कैबिनेट में हैं। पिछड़ी और अति पिछड़ी कैटेगरी (OBC-EBC) से सबसे ज्यादा 17, दलित वर्ग से 5 और मुस्लिम समुदाय से 5 चेहरे लिए गए हैं। NDA सरकार में अपर कास्ट के 11 मंत्री थे, जो इस बार घटकर 6 हो गए हैं। तब 13 OBC-EBC और 2 मुस्लिम चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल थे।

मिथिलांचल को सबसे ज्यादा तवज्जो
महागठबंधन सरकार में मिथिलांचल से सबसे ज्यादा 10 मंत्री बनाए गए हैं। इसके बाद भोजपुर-शाहाबाद से 7 और मगध से 4 मंत्री बने हैं। वहीं, कोशी से 2, सीमांचल से 3 और अंग प्रदेश से 2 मंत्री बनाए गए हैं।

मंत्रिमंडल में इन नामों ने चौंकाया
नीतीश की नई कैबिनेट में RJD से कार्तिक सिंह, जितेंद्र राय और सुधाकर सिंह और ललित यादव के नाम ने चौंकाया है। कार्तिक सिंह पहली बार RJD से MLC बने हैं, जिन्हें बाहुबली अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। सुधाकर सिंह पहली बार के विधायक हैं, जो RJD के प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। वहीं, जितेंद्र राय सबसे कम उम्र के विधायक हैं।

इन बड़े चेहरों को मिली मायूसी
JDU संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाह को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से मदन मोहन झा और अजीत शर्मा का नाम सबसे ऊपर था, लेकिन आखिरी समय में उनके नाम कट गए। RJD के सीनियर लीडर भाई वीरेंद्र को भी आखिर में मंत्री पद नहीं दिया गया।

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