जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की और बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद नीतीश कुमार सीधे आरजेडी नेता राबड़ी देवी के आवास पहुंचे. इस दौरान तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. यहां बैठक के बाद नीतीश और तेजस्वी पैदल मार्च कर एक अणे मार्ग पहुंचे. यहां महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों) में शामिल नेता मौजूद थे. बैठक में नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुना गया.
राज्यपाल से मिले नीतीश कुमार
इसके बाद नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और ललल सिंह एक ही गाड़ी मे सवार होकर राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया. तेजस्वी यादव नई सरकार में उपमुख्यमंत्री होंगे. नीतीश ने 164 विधायकों का समर्थन वाली चिट्ठी सौंपी है. इनमें 45 जेडीयू के, 79 आरजेडी के, 19 कांग्रेस के और 21 अन्य विधायकों के नाम शामिल हैं.
आरजेडी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में जद (यू) नेता नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव से कहा कि 2017 में जो हुआ उसे भूल जाएं और एक नया अध्याय शुरू करें.
बीजेपी से गठबंधन क्यों तोड़ा गया?
नीतीश कुमार ने कहा कि राजग से संबंध समाप्त करने का निर्णय उनकी पार्टी जद(यू) ने लिया है. बीजेपी के साथ काम करना मुश्किल हो रहा था.वहीं बीजेपी ने नीतीश कुमार पर तीखा वार किया है. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव में मैनडेंट बिहार में बीजेपी व जेडीयू को मिला था. पीएम मोदी ने ने नीतीश को सीएम बनाया. उन्होंने बिहार की जनता को धोखा दिया है. जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. 2005 के पहले राजद के शासनकाल में बिहार की जो स्थिति थी. नीतीश फिर वही बिहार बनाने के लिए निकल पड़े हैं.
पूर्व सीएम राबड़ी देवी से मुलाकात करने के बाद नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव एक अणे मार्ग पर नीतीश कुमार के आवास पर पहुंचे जहां दोनों की बैठक हुई. इस बैठक में नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता चुने गए. बैठक में कांग्रेस और वाम दल भी मौजूद रहे. इससे पहले आज बिहार के सियासी संकट को लेकर बैठकों का दौर चला. सबसे पहले जेडीयू के सांसदों और विधायकों की बैठक हुई जिसमें नीतीश कुमार ने बीजेपी पर सहयोगियों को अपमानित करने और साजिश करके जेडीयू को कमजोर का आरोप लगाया.