बिहार में चढ़े सियासी पारा के बीच ,,,,अभिवादन, एक दूसरे का हाथ पकड़ा…’ जब राजभवन में नीतीश और तेजस्वी का हुआ आमना-सामना


बिहार (Bihar) का सियासी पारा लगातार चढ़ता नजर आ रहा है. पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बयानबाजी जारी है. आज पटना में राज्यपाल का शपथ ग्रहण समारोह हुआ. इस दौरान राजभवन में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का आमना-सामना हुआ. सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी से सामना होने के दौरान नीतीश कुमार थोड़ी देर तक तेजस्वी के सामने रुके और जब तेजस्वी ने अभिवादन किया, तो नीतीश ने उनका हाथ पकड़ लिया.

लालू के बयान पर तेजस्वी की सफाई

राजभवन में नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात से पहले पूर्व डिप्टी सीएम ने एक बयान दिया था, जो सुर्खियों में है. नीतीश कुमार को लालू यादव की तरफ से ऑफर दिए जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा, “लालू जी ने ऐसी बात मीडिया को शांत करने के लिए कही थी. आप लोग रोज पूछते रहते हैं, तो क्या बोलेंगे.”

इसके अलावा, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने नीतीश कुमार की वापसी को लेकर कहा, ‘जो भी गांधीवादी हैं, वह हमारे साथ आएंगे. नीतीश कुमार गांधीवादी हैं, वे गांधी के सिद्धांतों पर चलते हैं.’

कन्फ्यूजन उधर है, इधर नहीं: विजय चौधरी

इस बीच नीतीश सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आरजेडी के एक नेता बोलते हैं कि दरवाजे बंद है, दूसरे बड़े नेता बोलते हैं कि दरवाजा खुला हुआ है. इसका मतलब यह है कि कन्फ्यूजन उधर है, इधर नहीं. हम जहां हैं वही हैं.
इस मामले में LJPR के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और राजद सपना देख रहे हैं. एनडीए गठबंधन पूरी तरह मजबूत है. वहीं बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को लेकर तेजस्वी यादव के बयान पर कहा कि लालू यादव डरे हुए हैं.

वहीं, राजद नेता आलोक मेहता ने कहा, ‘लालू यादव ने क्या कहा मैंने नहीं देखा, ऐसी कोई बात फिलहाल नजर नहीं आ रही है.’

लालू यादव ने क्या कहा था?

इससे पहले लालू यादव ने कहा था कि नीतीश के लिए हमारा दरवाजा तो खुला है, नीतीश को भी खोलकर रखना चाहिए. नीतीश आते हैं तो साथ काहे नहीं लेंगे? ले लेंगे साथ. नीतीश साथ में आएं, काम करें. राजद सुप्रीमो ने कहा कि नीतीश कुमार भाग जाते हैं, हम माफ कर देंगे. इससे पहले तेजस्वी यादव का बयान आया था कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हैं, लेकिन आरजेडी में लालू यादव का फैसला ही सर्वोपरि माना जाता है.

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