आदित्यपुर (रिपोर्टर): नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) कॉलेज, जमशेदपुर का 11 वां दीक्षांत समारोह आज संस्थान परिसर के जिमखाना में संपन्न हुआ. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ऑनलाईन एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा शामिल हुए. श्री मुंडा ने सिविल इंजीनियरिंग के बी टेक के छात्र बिट्टू कुमार एवं पोस्ट ग्रेजुएट की छात्रा वाई वाहिनी को गोल्ड मेडल प्रदान किया. साथ ही अन्य सभी 20 ब्रांच के टॉपरों को सिल्वर मेडल प्रदान किया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. इस मौके पर धमेंद्र प्रधान ने अपने वीडियो संदेश में संस्थान के पास आउट छात्रों के बेहतर तथा उज्जवल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में संस्थान के द्वारा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, मॉस्क व सैनिटाइजर वितरण सहित जनहित का कार्य कर सरकार तथा जिला प्रशासन को भी सहयोग किया है, जो कि सराहनीय है. इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित केन्द्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको आज मिली उपाधि महज रोजगार साधन के लिए नहीं, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में इनोवेशन करने के लिए मिली है. इस सोच के साथ आगे बढ़ें और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में इनोवेशन करें. उन्होंने कहा कि पिछली कैबिनेट मीटिंग में केन्द्र सरकार ने 76 हजार करोड़ रुपये इसी तरह के इनोवेशन पर खर्च करने के लिए स्वीकृत किया है, ताकि हम विज्ञान और तकनीकी, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो करूनेश कुमार शुक्ला, डीन एकेडमिक प्रो अमरेश कुमार व रजिस्ट्रार डॉ निशित कुमार राय, सिनेटर आईआईएससी बंगलौर के डॉ शिव रमण व एनएमएल के निदेशक डॉ इंद्रनील चट्टोराज आदि कई गणमान्य व्यक्ति व पूर्व एनुमली उपस्थित थे.
संस्थान से पास आउट छात्र राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देंगे: अर्जुन मुंडा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि संस्थान से निकले छात्र देश के भविष्य हैं और वे राष्ट्र निर्माण में अपनी योगदान देंगे. ये छात्र देश के संपदा है और आने वाले समय हर क्षेत्र में लीडरशीप के रूप में सफलता हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत महज एक राजनीतिक स्लोगन नहीं, बल्कि स्पंदन है. यह देश के 130 करोड़ लोगों के हृदय की आवाज है. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में इनोवेशन की जरूरत है. उन्होंने छात्रों के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोविड-19 के मामले में भारत ने अपनी खुद की वैक्सीन बनाकर यह साबित कर दिया है. अब भारत वह भारत नहीं रहा, जब यहां पोलियो की वैक्सीन 10 वर्ष बाद पहुंची थी.
अर्जुन मुंडा ने कहा कि वैश्विक त्रासदी के दौर मेंं एनआईटी, जमशेदपुर के छात्रों का बेहतर कैम्पस सेलेक्शन अपने आप में उत्कृष्ट प्रदर्शन है. इस साल संस्थान से पास आउट 85 प्रतिशत छात्रों का देश-विदेश के अलग-अलग संस्थानों में कैम्पस सेलेक्शन हुआ है. एटलासियान नामक विदेशी कंपनी के द्वारा 57 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर छह छात्रों को चयनित किया गया है, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. वहीं, बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा 42 छात्रों को 40 से 50 लाख, 65 छात्रों को 30 से 40 लाख तथा 120 छात्रों को 20 लाख के सालाना पैकेज पर चयनित किया गया है. अब-तक कम्प्यूटर साईंस के 97, सिविल के 80, इलेक्ट्रिकल के 84, इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन के 96, मेकेनिकल के 89, प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल के 72, मेटलर्जिकल के 81 एवं एमसीए के 92 छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है,जो कि संस्थान की बड़ी उपलब्धि है.