ट्वीट कर कहा, हार्वर्ड की ओर से ऑफर नहीं था, जालसाजी की हुई शिकार
नई दिल्ली 15 januaryसाइबर क्राइम के एक से एक मामले आपने देखे-सुने होंगे, मगर वरिष्ठ पत्रकार निधि राजदान के साथ जो हुआ उस पर एक पल को यकीन कर पाना भी मुश्किल होगा। एक न्यूज चैनल के साथ पिछले 21 साल से जुड़ीं निधि ने पिछले साल जून महीने में ट्वीट कर बताया कि उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असोसिएट प्रोफेसर की नौकरी मिल गई है इसलिए वह पत्रकारिता के अपने करियर को अलविदा कह रही हैं। हालांकि अब सात महीने बाद उन्होंने ट्वीट कर दावा किया है कि वह साइबर जालसाजी की शिकार हुई हैं और उन्हें ऐसी कोई नौकरी हार्वर्ड की ओर से ऑफर ही नहीं की गई थी।
निधि ने शुक्रवार को ट्वीट कर अपने साथ अभी तक हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। निधि ने ट्वीट कर बताया, ‘मैं एक बहुत बड़े फिशिंग अटैक का शिकार हुई हूं। मैं एक बयान जारी कर सारी चीजें क्लियर कर रही हूं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर इस बारे में कुछ भी डिस्कस नहीं करूंगी।’
हार्वर्ड के लिए छोड़ी थी 21 साल पुरानी नौकरी
निधि ने अपने बयान में कहा, ‘जून 2020 में मैंने 21 साल लंबे अपने पत्रकारिता के करियर को अलविदा कहकर यह घोषणा की थी कि मैं अगले कुछ दिनों में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर असोसिएट प्रोफेसर (जर्नलिजम) जॉइन करूंगी। मुझे बताया गया था कि सितंबर 2020 तक मुझे जॉइन करना होगा। मैं तैयारी कर ही रही थी कि मुझे दोबारा बताया गया कि महामारी के चलते मेरी क्लासेस जनवरी 2021 से शुरू हो पाएंगी। इस बीच मेरे साथ चल रहे कम्युनिकेशन के दौरान मेरा ध्यान कुछ प्रशासनिक खामियों पर भी गया। शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब न्यू नॉर्मल है, मगर हाल ही में जो कुछ हुआ वह ज्यादा परेशान करने वाला था।’
हार्वर्ड में बात की तो पता चला साइबर फ्रॉड की हुई हैं शिकार
निधि ने बताया, ‘इसके बाद मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क किया। मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे। यूनिवर्सिटी का पक्ष जानने के बाद मुझे पता चला कि मैं एक अलग तरह के फिशिंग अटैक की शिकार हुई हूं और असल में मेरे पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनके जर्नलिजम डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर आया ही नहीं था।’
वायरल हो रहा निधि का ‘कबूलनामा’, ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बना
निधि का यह ‘कबूलनामा’ काफी वायरल हो रहा है। उनके ट्वीट के बाद से ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बन गया है। एक ओर जहां लोग निधि के साथ इस भद्दे मजाक को लेकर सहानुभूति जता रहे हैं, तो वहीं ज्यादातर यूजर्स इस बात पर हैरान हैं कि कैसे निधि जैसी वरिष्ठ पत्रकार इस तरह के साइबर अटैक का शिकार हो गईं। निधि का सितंबर का एक ट्वीट खूब वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने एक यूजर को जवाब देते हुए लिखा था कि वह हार्वर्ड में पढ़ा रही हैं।
वायरल हो रहा सितंबर में किया गया ट्वीट
इसके अलावा सुरेश एन. नाम के एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने सितंबर में ही इस संभावित साइबर फ्रॉड की ओर इशारा कर दिया था। सुरेश ने सितंबर में किए अपने इस ट्वीट में लिखा था, ‘निधि ने अपने ट्विटर बायो में लिख तो दिया है कि वह हार्वर्ड में पढ़ाती हैं, मगर उनका नाम फैकल्टी लिस्ट में नहीं है। इसके अलावा जिस सब्जेक्ट का नाम उन्होंने लिखा है वह यूनिवर्सिटी में अभी तक लिस्टेड ही नहीं है। यह वेबसाइट अपडेट न होने की वजह से है या हार्वर्ड ने अपना मन बदल लिया है?’