कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत माता की वीर संतान थे । राष्ट्र के संदर्भ में उनके विचार आज भी अपेक्षित और प्रासंगिक हैं । राजधानी कोलकाता समेत देश के विभिन्न भागों में नेताजी को स्मरण किया जा रहा है। कोलकाता धर्मतल्ला में जहां तृणमूल की ओर से बड़ा आयोजन चल रहा है वहीं शाम 4 बजे के आसपास प्रधानमंत्री विक्टोरिया हॉल में नेताजी जयंती में शामिल होने आ रहे हैं।
*हावड़ा कालका मेल का नाम बदलकर, नेताजी एक्सप्रेस करने निर्णय,ईसीआरकेयू ने किया स्वागत।*
धनबाद, ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन,धनबाद, ने हावड़ा कालका मेल का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस करने का निर्णय को स्वागत किया, प्रेस रिलीज में कहा गया कि, देश के हर नागरिक के दिल में बसा हुआ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक अलग ही स्थान है, जो किसी शब्दों से बयान नहीं किया जा सकता, लेकिन विशेष कर धनबाद रेल मंडल के लिए यह बहुत ही गौरव पूर्ण बात है, क्योंकि धनबाद मंडल के अंतर्गत गोमो रेलवे स्टेशन से नेताजी को बहुत सारे यादें जुड़ी हुई है, इसलिए पूरे देश के साथ साथ गोमो रेल नगरी का नागरिक भी इसे बहुत खुशी महसूस कर रहा है,
खबर है कि रेलवे ने कालका मेल का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस करने का निर्णय लिया है जिसका ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के, डी के पांडेय,ए के दा,एन के खवास,टी के साहू,इस्माइल अंसारी,ए के दास,तपन विश्वास,आरके सिंह,परमेश्वर कुमार,और विश्वजीत मुखर्जी ने स्वागत किया।
रेलनगरी खड़गपुर में आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती कुछ इसी उद्घोष और भावभूमि पर मनाई गई । नेताजी के राष्ट्र के प्रति योगदान और बलिदान को याद करने के लिए शनिवार को शहर में कार्यक्रमों की झड़ी लगी रही ।
स्थानीय नगरपालिका वार्ड 24 के संजवाल में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सुबह शोभायात्रा निकाली । पथ परिक्रमा के बाद चौराहे पर स्थित नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया । कार्यक्रम में सहभागिता करने वालों में बबलू बरम , उत्तम बेरा , कैलाश पंडित , देवाशीष घोड़ाई तथा शक्तिपद नायक आदि शामिल रहे ।
दूसरी ओर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और इसके सहयोगी संगठनों की ओर से भी नेताजी जयंती का पालन अलग अलग कार्यक्रमों के माध्यम से किया गया । नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ ही बच्चों के लिए शंख ध्वनि और चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इसे लेकर कामरेड विप्लव भट , सुभाष लाल , अयूब अली , सौरव दास , चंदन राव तथा मृदुल दे खासे सक्रिय रहे