रांची, झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द रहे भाकपा माओवादी जीवन कंडुलना को पुलिस ने रविवार को मीडिया के सामने पेश किया और उसे जेल भेज दिया। जेल जाने से पहले पूछताछ में उसने कई खुलासा किया है। जीवन ने बताया कि बहन की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस वजह से वह माओवादी संगठन में शामिल हुआ। इसके बाद हार्डकोर नक्सली बन गया। वह नक्सली दस्ते में लगातार सक्रिय रहकर जोनल कमांडर बना। लेकिन संगठन में रहते हुए कई कीमती चीजों को खोया।
अपने जीवन में कई दुख सहना पड़ा, मां को कैंसर की वजह से खोना पड़ा। मां का अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाया। यहां तक कि इलाज में भी कोई सहयोग नहीं कर सका। यह सब सोच कर उसने संगठन छोड़ने का निर्णय लिया और पुलिस के सामने हथियार डाल दिया। 10 लाख का इनामी जीवन 80 से अधिक मामलों में वांटेड है। तीर बम जैसे हमलों में भी वह शामिल रह चुका है।
खूंटी जिले के रनिया थाना क्षेत्र के जापुद (जयपुर) गांव का रहनेवाला जीवन ने बताया कि उसकी बहन कॉलेज में पढ़ती थी। एक जनवरी 2009 को उसके गांव के ही तीन-चार लड़कों ने मिलकर उसकी बहन के साथ दुष्कर्म किया, फिर उसकी हत्या कर दी थी। इस दौरान वह जालंधर में काम के सिलसिले में रह रहा था। घटना की जानकारी मिलने के बाद जीवन जालंधर से लौटा।
इसी दौरान भाकपा माओवादी संगठन के निर्मल और प्रसाद जी उर्फ कृष्ण अहीर का दस्ता पिडिंग कमडोरा बाजार आता था। उसका माओवादी निर्मल से संपर्क था। वह 2009 में निर्मल के दस्ते में शामिल हो गया। इसके कुछ दिनों बाद दुष्कर्म की घटना में शामिल मध्यम कुमार और राज किशोर की हत्या कर बदला ले लिया था। घटना में शामिल दो अन्य लड़के गांव से भाग गए थे।