*
मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक-लेखक-कलाकार इकबाल दुर्रानी एवं पीसमेकर फाउंडेशन के संतोष सरस ने किया एग्रीमेंट साइन
चाकुलिया।
दिल्ली के पांच सितारा होटल सूर्या में शनिवार की रात को फिल्म ‘ घाटशिला ‘ ( वेब सीरीज ) के निर्माण के लिए एग्रीमेंट का कोरम पूरा हुआ। इस फिल्म को डायरेक्ट करेंगे पहनाएंगे सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक-लेखक-कलाकार इकबाल दुर्रानी और इसका प्रोडक्शन होगा हिन्दी मासिक पत्रिका ‘ पीसमेकर ‘ के बैनरतले। बीती रात इकबाल दुर्रानी एवं पीसमेकर के पब्लिशर-एडिटर संतोष सरस ने एग्रीमेंट पेपर साईन किया।
एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर का कोरम पूरा होने के बाद इकबाल दुर्रानी ने बताया कि नक्सली-पुलिस-ग्रामीण के थीम पर बनाई जाएगी फिल्म ‘ घाटशिला ‘ । उन्होंने कहा कि नक्सलवाद ने देश के कई जंगलवर्ती हिस्से में अपनी मौजूदगी बरकरार रखा है। इससे जंगल-पहाड़ियों में रहने वाले गरीब-गुरबा हलकान-परेशान रहते हैं। पुलिस एवं नक्सलियों की जंग में गांव वालों को भी पिसना पड़ता है। लेकिन झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ( जमशेदपुर ) जिलान्तर्गत घाटशिला सब-डिवीजन में ज्यादातर नक्सलियों को सोशल पुलिसिंग के सहारे मुख्यधारा में शामिल करने में पुलिस ने सफलता प्राप्त कर अन्य जगहों के पुलिस-प्रशासन के लिए जबरदस्त उदाहरण पेश किया है।
बकौल इकबाल दुर्रानी एवं प्रोड्यूसर संतोष सुमन जंगल-पहाड़ियों से घिरे स्वर्णरेखा नदी के तट पर अवस्थित घाटशिला की धरती में तांबा-यूरेनियम-सोना-चांदी- पन्ना-जमुनिया- क्वार्जाइट-क्वार्ट्ज- मैगनीज का अकूत भंडार है। बावजूद इसके घाटशिला ( सुवर्णरेखा ) के हर घाट – हर शिला ) पर नक्सलवाद के खून के छींटें पड़े हैं।
निर्माता-निर्देशक द्वय ने बताया कि फिल्म में बालीवूड के कलाकारों के अलावे झारखंड के कलाकारों को भी भरपूर मौका मिलेगा। वेब सीरीज ‘ घाटशिला ‘ को पांच एपिसोड में पूरा करने की योजना है।
बता दें कि इकबाल दुर्रानी साहब लगभग डेढ़ साल पहले घाटशिला जेल में बंद भाकपा माओवादी नेता कान्हू मुंडा उर्फ मंगल/अर्जुन/मास्टर जी से मुलाकात कर चुके हैं। इतना ही नहीं, दुर्रानी जंगल-पहाड़ियों के बीच उन गांवों का भी दौरा कर चुके हैं जहां सांसद सुनील महतो, इंस्पेक्टर सुशील नाग, नागरिक सुरक्षा समिति के महासचिव धनाई बास्के एवं 11 पुलिस जवानों की हत्या नक्सलियों ने की थी। बकौल दुर्रानी फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित होगी और इसकी शूटिंग भी सम्बंधित जगहों पर किए जाने की योजना है।
फिल्मों के पटकथा लेखक इकबाल दुर्रानी : एक परिचय
1988 – कालचक्र एवं मेरा शिकार
1989 – खोज, मजबूर एवं शिवा
1990 – शानदार
1991 – इज्जत, मुकद्दर का बादशाह, बेनाम बादशाह, इंसानियत का देवता, जख्मी औरत, फूल और कांटे ( अजय देवगन की पहली फिल्म )
1992 – दिल आसना है ( शाहरूख खान की पहली फिल्म)
1999 – कोहराम, सौगंध ( बतौर मुख्य अभिनेता अक्षय कुमार की पहली फिल्म )
1993- से राइटर के साथ-साथ डायरेक्टर भी बन गये इकबाल
1993 – धरतीपुत्र
1994 – खुद्दार, बेताज बादशाह
2001 – मिट्टी
2004 – दुकान
2015 – हम तुम दुश्मन दुश्मन
इकबाल दुर्रानी का जन्म बांका ( बिहार ) में हुआ था। कालेज की पढ़ाई टाटा कालेज चाईबासा में हुई थी। इनके बारे में खास बात यह भी है कि ये सामवेद का अनुवाद हिन्दी एवं ऊर्दू में कर रहे हैं।
प्रोड्यूसर संतोष सरस
सहरसा ( बिहार ) के रहने वाले संतोष युवा पत्रकार हैं। दूरदर्शन एवं आंखों देखी से वर्षों तक जुड़े रहे संतोष अब पुलिस पर केंद्रित मासिक पत्रिका ‘ पीसमेकर ‘ का प्रकाशन एवं.सम्पादन दिल्ली से करते हैं। फिल्मी दुनिया में फिल्म ‘ घाटशिला ‘ के सहारे कदम रख रहे हैं।