पलामू
नौसैनिक सूरज कुमार दुबे का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ सोमवार को पूर्वडीहा कोयल नदी तट पर किया गया। पिता मिथिलेश दुबे ने मुखाग्नि दी। सूरज की शव यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। सूरज दुबे अमर रहे, सूरज के हत्यारों को फांसी दो जैसे नारे से पूर्वडीहा गूंज उठा। जवान बेटे का शव मुंबई से लेकर आए पिता मिथिलेश दुबे ने कहा- आखिर उनके बेटे का क्या गुनाह था। क्यूं इस तरह उसकी जान ली गई। उसे बचाने का प्रयास नहीं किया गया। अंतिम यात्रा में झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी शामिल हुए। बताते चलें कि नाैसैनिक सूरज दुबे को महाराष्ट्र के पालघर में बदमाशों ने जिंदा जला दिया था। शनिवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
सूरज का नहीं हुआ था अपहरण: पिता
सूरज दुबे के पिता मिथिलेश दुबे का कहना है कि सूरज का अपहरण नहीं हुआ था। वह दोस्ती में चला गया। सूरज जरूर किसी राज को जानता था। इसके बाद उसे तीन दिनों तक टॉर्चर कर जला कर मारा गया। उन्होंने कहा कि अपहरण होता तो परिवार के पास पैसे के लिए फोन जरूर आता। लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं। मामले को भटकाने के लिए अपहरण की कहानी गढ़ी गई है। CBI की जांच के बाद ही सच सामने आएगा।
राज्य सरकार किसी भी एजेंसी से जांच कराने के लिए तैयार: मंत्री मिथिलेश ठाकुर
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि गृह सचिव स्तर की वार्ता तमिलनाडु व महाराष्ट्र सरकार के साथ हो रही है। जघन्य अपराध है। इसमें शामिल अपराधियों का जल्द ही पता लगेगा। यदि देर होगी तो राज्य सरकार किसी भी एजेंसी से जांच कराने के लिए तैयार है।
देश विरोधी तत्वों का हाथ हो सकता है: इंदर सिंह नामधारी
इधर, तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे सूरज के पार्थिव शरीर गांव लाने के बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी कोल्हुआ गांव पहुंचे। सूरज के पिता को ढांढ़स बंधाया। इंदर सिंह नामधारी ने भी सूरज के 1400 किलोमीटर दूर मुम्बई के पालघर में मिलने पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि अपहरण के बाद नेवी के जवान को इतनी आसानी से चेन्नई से मुम्बई कैसे कोई लेकर जा सकता है। इसकी मौत की जांच जरूरी है। इसमें देश विरोधी तत्वों का हाथ हो सकता है।
30 जनवरी काे वापस ड्यूटी पर काेयम्बटूर जाने के लिए घर से निकले थे सूरज
बताते चलें कि सूरज की इसी साल मई में शादी होने वाली थी। 15 जनवरी को सगाई हुई और इसके बाद वो ड्यूटी ज्वॉइन करने के लिए काेयम्बटूर जाने के लिए घर से निकले थे। नाैसैनिक सूरज दुबे काे महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जला दिया गया। गंभीर रूप से झुलसे सूरज की शनिवार काे मुंबई में माैत हाे गई। जांच में पता चला कि उनका चेन्नई से अपहरण कर लिया गया था। उन्हें छाेड़ने की एवज में 10 लाख रुपए की फिराैती मांगी गई थी। परिजनाें के मुताबिक सूरज छुट्टी पर घर आए थे। 30 जनवरी काे वापस ड्यूटी पर काेयम्बटूर जाने के लिए घर से निकले थे। हालांकि परिजन इसे अपहरण नहीं मान रहे हैं। क्योंकि फिरौती को लेकर उनके पास कोई कॉल नहीं आया।