पिछले दिनों दिनांक २० अगस्त को अल्कमिष्ट एविएशन के प्रशिक्षु पायलट शुभ्रोदीप दत्ता के प्रशिक्षण के दौरान ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट के चांडिल डैम में दुर्घटना एवं मृत्यु के मामले में अल्कमिष्ट एविएशन के मालिक मृणाल पाल के विरूद्ध नामजद प्राथमिकी नीमडीह थाने में दर्ज कर ली गई है l यह प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1), 289 तथा वायुयान अधिनियम की धारा 11A के तहत दर्ज की गई है जिसमे मृणाल पाल को नामजद किया गया है |
मृतक पायलट के पिता ने उपरोक्त प्राथमिकी में यह दावा किया है की उनका इकलौता बेटा शुभ्रोदीप दत्ता अक्सर हमें बताया करता था की मृणाल पाल अपनी एविएशन कंपनी में पुराने और जर्जर एयरक्राफ्ट को प्रशिक्षण कार्य के लिए इस्तेमाल करते थे जिससे की लगातार सभी प्रशिक्षुओ की जान पर बनी रहती है और यही कारण है की वह अल्कमिष्ट एविएशन छोड़कर किसी सुरक्षित एविएशन स्कूल में जाने की बात करता था|
*विमान के लापता होने अथवा बेटे की मृत्यु तक की कोई जानकारी कंपनी ने कभी नहीं दी – परिजन*
मृतक के माता पिता एवं परिजनों का कहना है की अल्कमिष्ट एविएशन द्वारा कभी भी एयरक्राफ्ट के लापता होने अथवा शुभ्रोदीप की मृत्यु की औपचारिक सूचना नहीं न ही कभी फोन पर सुध लेने की कोशिश की |
*हम लम्बी लड़ाई के लिए तैयार है, दोबारा किसी के साथ ऐसा न हो ये सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया जाएगा – रविशंकर पाण्डेय, अधिवक्ता*
मामले में शिकायतकर्ता के अधिवक्ता रविशंकर पाण्डेय ने बताया की इस मामले में पुलिस ने नामजद प्राथमिकी दर्ज कर अनुसन्धान शुरू कर दिया है, जैसा की प्रथम द्रष्टया मामले में एविएशन कंपनी द्वारा पुराने एवं जर्जर एयरक्राफ्ट की प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किये जाने की बात आ रही है, यदि यह साबित होता है तो अभियुक्तों को पांच वर्ष तक की सजा हो सकती है | साथ ही उन्होंने कहा की ट्रेनी पायलट् से इन्स्योरेन्स के एवज में लाखों रुपये लिए गए परन्तु अब तक क्लेम से सम्बंधित कोई दस्तावेज मृतक के परिजनों को प्राप्त नहीं है जो की आश्चर्यजनक है |