बांदा जेल में बंद माफिया से विधायक बने मुख्तार अंसारी से रविवार की दोपहर उनकी अकूत सम्पत्ति के बारे में ढेरों सवाल किए गए. करीब 12 बजे प्रवर्तन निदेशालय (ED/ईडी) की टीम ने उनसे पूछताछ शुरू की. मैराथन स्तर के सवाल-जवाब शाम छह बजे तक चले.
बांदा जेल के जेलर प्रमोद तिवारी ने मीडिया को बताया कि मनी मनी लॉड्रिंग के एक पुराने मामले में ईडी ने मुख्तार अंसारी से यह पूछताछ की थी. उन्होंने बताया कि अदालत के आदेश पर ईडी के तीन अधिकारी जेल में पूछताछ करने आए थे. बता दें कि माफिया के नाम से मशहूर मुख्तार अंसारी मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. पूछताछ के दौरान जेल में बाहर सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स तैनात रही. अंदेशा जताया जा रहा है कि मुख्तार के करीबियों की संपत्तियों को लेकर हो भी जांच की जा सकती है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल में मुख्तार के करीबियों की बेनामी सम्पत्तियों पर बुल्डोजर चलवाकर उसे धराशायी करवा दिया है.
गौरतलब है कि गबन और अकूत संपत्ति के मामले में ईडी ने मुख्तार अंसारी पर तीन केस दर्ज किए हुए हैं. मुख्तार पर आरोप है कि एक सरकारी जमीन पर कब्जा कर मुख्तार ने सरकार से ही डेढ़ करोड़ का किराया वसूला था. इस मामले का खुलासा होने के बाद मऊ जिला प्रशासन ने करोड़ों रुपए के इस गोदाम को सीज करते हुए मुख्तार की पत्नी, बच्चों समेत पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जेल में जाकर के मुलाकात की थी. कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्वांचल की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले बाहुबली विधायक एवं माफिया मुख्तार अंसारी से ओमप्रकाश राजभर जुड़ने की कोशिश कर रहे थे. वहीं, बीजेपी इस मुलाक़ात के पीछे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का हाथ होना बताया था.