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चार राज्यों झारखंड, बिहार, बंगाल व ओड़िशा को सड़क जाम से मिला मुक्ति
सुधीर गोराई
चांडिल : 20 जनवरी सरायकेला खरसावां जिला का चांडिल बाजार के बीच गुजरे राष्ट्रीय राजमार्ग 32 की सड़क जाम विगत दो दशकों से राहगीरों के लिए परेशानी का बड़ा कारण बन गया था। चांडिल बाजार की सड़क जाम देश के मेट्रो सिटी के सड़क जाम को भी पीछे छोड़ दिया था। सड़क की चौड़ाई कम होने व बाजार के पास दो रेलवे फाटक होने के कारण विगत करीब 20 वर्षों से प्रतिदिन घड़ी दो घड़ी सड़क जाम होना चांडिल बाजार की नियति बन गया था। यह सड़क चार राज्यों झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल व ओड़िशा को जोड़ने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण निरंतर मालवाहक व यात्री वाहनों की आवागमन होती है। सड़क जाम से मुक्ति के लिए चांडिल बाजार वर्षों से अहिल्या की तरह किसी राम की अपेक्षा में थी। आखिर 2020 में चांडिल बाजार की जाम से मुक्ति के लिए रांची लोकसभा के सांसद संजय सेठ ने बाईपास सड़क निर्माण का प्रयास शुरू किया। बाईपास का निर्माण भारतीय रेलवे के कारण रुका हुआ था। सांसद ने समस्या का पूरी जानकारी देते हुए रेल मंत्रालय से बाईपास सड़क निर्माण के लिए आग्रह किया। मंत्रालय ने इसे संज्ञान में लेते हुए आगे की कार्रवाई शुरू की। सड़क निर्माण का संविदा निकाली। निर्माण कार्य शुरू हुआ, फिर कोरोना महामारी के कारण निर्माण कार्य के गति शिथिल हो गई। करीब दो महीने पहले निर्माण कार्य में गति आया और एक सप्ताह पहले पूरा होने के बाद आवागमन शुरू कर दिया गया। बाईपास सड़क से आवागमन शुरू होने के बाद झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा व बिहार के यात्रियों को राहत मिला।
सांसद संजय सेठ का कार्य सराहनीय : हरेलाल महतो
आजसु के केंद्रीय सचिव सह जनसेवा ही लक्ष्य के संस्थापक हरेलाल महतो ने कहा कि सांसद संजय सेठ ने चांडिल बाजार का बाईपास सड़क निर्माण कराकर विकास कार्य करने का मिसाल प्रस्तुत किया। बाईपास सड़क निर्माण के बाद मरीज व उनके परिजनों को विशेष रूप से राहत मिला है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन इस सड़क से चांडिल अनुमंडल व पश्चिम बंगाल के दर्जनों मरीजों को जमशेदपुर के अस्पतालों में ले जाया जाता है। सड़क जाम में घंटों फंसे रहने के कारण कभी कभी चिकित्सा के अभाव में असमय मरीज की मृत्यु हो जाता था।