पहली बार किसी देश की यात्रा अधूरी छोड़ स्वदेश लौटे प्रधानमंत्री
-पूरे मामले को अमित शाह खुद से देख रहे हैं
-तीनों सेना प्रमुख किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संदिग्धों का स्केच जारी किया है
2014 से अब तक, ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री ने किसी देश की यात्रा बीच में ही छोड़ी हो और नई दिल्ली पहुंचने के साथ ही पालम हवाई अड्डे पर ही उच्चस्तरीय मीटिंग की हो। इससे साफ पता चलता है कि सरकार की मंशा क्या है। यह बात पानी की तरह साफ है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले से प्रधानमंत्री ‘बेहद आहत’ हुए हैं और अगर वह ‘बेहद आहत’ हुए हैं तो 100 घंटों के भीतर कोई बड़ी कार्रवाई आम पाठकों को पढ़ने को मिल सकती है। पैराट्रूपर्स, कमांडोज, थल सेना, सीआरपीएफ, स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप, नौसेना, वायुसेना सब तैयार हैं।
उधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहलगाम की यात्रा की। उन्होंने राज्यपाल, सीआरपीएफ, खुफिया विभाग के आला अफसरों, सेना के कमांडरों संग उच्च स्तरीय बैठक की। इधर, नई दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने दफ्तर में तीनों सैन्य प्रमुखों और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के साथ तीन घंटे तक बैठक की और हर पहलू पर गंभीरता से चर्चा की। शाम में 6 बजे कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक हुई और इसमें बेहद गंभीरता से सभी तथ्यों पर चर्चा की गई। सीसीएस की बैठक में क्या तय हुआ, यह ज्ञात नहीं है।
आपको बता दें कि द रेजिस्टेंस फ्रंट ने पहलगाम के बैसरन में धर्म पूछ कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी। द रेजिस्टेंस फ्रंट लश्कर-ए-तैयबा से ही संबद्ध आतंकी संगठन है। प्रारंभिक जानकारी यह आ रही है कि इस संगठन ने लोकल आतंकियों को हैंडलर के तौर पर इस्तेमाल किया और उनके साथ ही इन लोगों ने विभिन्न होटलों की रेकी की।
26 लोगों की नृशंस हत्या के बाद देश का मिजाज गरम है। लोगों में गम और गुस्सा देखा जा रहा है। देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं और बड़ी तथा निर्णायक कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। देश के सुरक्षा सलाहकार श्री डोभाल इस पूरे मामले को बेहद नजदीक से देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री को भी यह ज्ञात है कि जिस तरीके से धर्म पूछ कर नृशंस हत्याएं की गई हैं, अगर उसे रिटैलिएट नहीं किया गया तो देश में गलत मैसेज जाएगा। यही वजह है कि उन्होंने सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में ही खत्म कर दी और हवाई अड्डे से अपने निवास पर जाने की बजाए उन्होंने पालम एयरपोर्ट पर ही खुफिया विभाग के निदेशकों और डोभाल संग बैठक कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने दो टूक कह भी दिया है कि इस नृशंस हत्याकांड के दोषियों में से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
पूरे जम्मू-कश्मीर में इस हत्याकांड को लेकर गंभीर आक्रोश है। जम्मू-कश्मीर को बंद रखा गया है और भाजपा, पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने दलीय मर्यादाओं को दरकिनार कर एक स्वर में इस आतंकी वारदात की सख्त मुखालफत की है।
सबसे ज्यादा नाराज वो लोग हैं, जो होटल चलाते हैं, बजरा चलाते हैं, फल-फूल बेचते हैं और जिनकी प्रॉपर्टी पर्यटन विभाग से संबद्ध है। इस हत्याकांड का सीधा असर उनके व्यवसाय पर पड़ेगा। बीते दो वर्षों से पूरे जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही थी और अच्छा व्यापार हो रहा था। इससे जम्मू-कश्मीर का बिजनेस क्लास काफी हद तक रिलैक्स हो गया था। कल हुए इस आतंकी वारदात ने उनके सामने भी बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है कि जब पर्यटक ही नहीं आएंगे तो उनका व्यवसाय कैसे चलेगा। दरअसल, यह एक सुनियोजित साजिश थी कि जम्मू-कश्मीर के बिजनेस को तो प्रभावित किया ही जाए, जो पर्यटक आ रहे हैं, उन्हें भी यहां आने से रोका जाए। इस लिहाज से आतंकी पहली नजर में तो सफल हो गए लेकिन यह क्षणिक सफलता है। देश में प्रधानमंत्री के रुप में नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री के रुप में अमित शाह हैं जो माकूल जवाब देने के लिए जाने जाते हैं।
हमले के बाद क्या-क्या हुआ
गौर से समझें तो आतंकी हमले के तुरंत बाद गृहमंत्री अमित शाह घाटी पहुंच गए। शाह खुद पूरे मामले को देख रहे हैं। कश्मीर में शाह ने एलजी मनोज सिन्हा और सेना के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद शाह ने किसी को भी नहीं बख्शने की बात कही है। शाह ने कहा है कि आतंक के आगे हम नहीं झुकने वाले हैं। शाह खुद घटनास्थल का भी मुआयना करने पहुंचे।
इसे भी समझने का प्रयास करें पहलगाम में जब आतंकी हमला हुआ, तो उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब में थे। जैसे ही उन्हें हमले की खबर मिली, उन्होंने वहां का दौरा रद्द किया और बुधवार की सुबह नई दिल्ली आ गये। ऐसी भी खबर है कि जब मोदी सऊदी अरब गये थे तो उन्होंने पाकिस्तानी एयरोस्पेस का इस्तेमाल किया था लेकिन जब सउदी से वह लौटे तो उन्होंने पाकिस्तानी एयरोस्पेस की बजाए किसी अन्य रूट से आए। कूटनीतिक भाषा में इसे पाकिस्तान को सीधे चेतावनी देने के तौर पर समझा जा रहा है।
उधर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम की घटना के बाद तीनों सेना प्रमुखों और सीडीएस की बैठक ली। इस बैठक में तीनों सेना प्रमुखों ने उनसे हर हालात के लिए तैयार होने की बात कही है। यानी आगे के एक्शन के लिए सरकार जो भी फैसला करेगी, उसे आसानी से अमली जामा पहनाया जा सकेगा। पिछली बार वायुसेना ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी और वायुसेना के कमांडर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर दो अलग-अलग सर्जिकल स्ट्राइक में 500 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया था।
सबसे बड़ी खबर पाकिस्तान से आ रही है। एक पाकिस्तानी टीवी ने दावा किया है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने वाला है। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी एक बयान में कहा है कि अगर भारत हमला करता है तो यहां की सभी पार्टियां मिलकर उसका विरोध करेगी। फवाद से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्याजा आसिफ ने हमले में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं बताया है। वहीं सेटेलाइट से आई रिपोर्ट के मुताबिक पूरी रात पाकिस्तान सीमा के आसपास उसके वायुसेना के विमान एक्टिव रहे। पाकिस्तान ने खुफिया जानकारी जुटाने के लिए दो फाइटर जेट तैनात किए थे। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान कितना डरा हुआ है।
दुनिया भर का समर्थन
पहलगाम हमले के बाद भारत को दुनिया भर का समर्थन मिल रहा है। अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस, जो भारत में ही हैं, उन्होंने एक्स पर लिखाः उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए भयानक आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। इस भयानक हमले में हमारे संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ एकजुटता ज़ाहिर की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बात की है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फ़ोन कर पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना ज़ाहिर की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और इस जघन्य हमले के दोषियों को इंसाफ़ के कटघरे में लाने के लिए भारत के प्रति पूरा समर्थन व्यक्त किया। ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में एक साथ खड़े हैं।
इजराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इसे बर्बर हमला बताया और चरमपंथ के ख़िलाफ़ लड़ाई में भारत के साथ खड़े रहने की बात कही है। उन्होंने एक्स पर लिखा, मेरे दोस्त नरेंद्र मोदी, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बर्बर आतंकी हमले से मैं गहरे तौर पर दुखी हूं, जिसमें दर्जनों निर्दोष लोग मारे गए और घायल हुए हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थना पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में इजराइल भारत के साथ खड़ा है।
यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इसे ‘घृणित आतंकवादी हमला’ बताया और कहा कि ‘भारत की इच्छा शक्ति अटूट’ है। एक्स पर उन्होंने लिखा “पहलगाम में घृणित आतंकवादी हमले ने कई निर्दोष जानें ले लीं। नरेंद्र मोदी और शोक मना रहे हर भारतीयों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मुझे पता है कि भारत की इच्छा शक्ति अटूट है। आप इस मुश्किल घड़ी में मजबूती के खड़े रहेंगे और यूरोप आपके साथ खड़ा है।