India की जीडीपी में ऑटो क्षेत्र की हिस्सेदारी 12 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जो अभी 7।1 फीसदी है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को ऑटो सेक्टर के लिए 26,000 करोड़ का पैकेज दिया है। मोदी सरकार को उम्मीद है कि कैबिनेट के इस फैसले से अगले तीन साल में ड्रोन सेक्टर में 5000 करोड़ का निवेश आ सकता है।
ऑटो सेक्टर को बड़ी राहत
मोदी सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि ऑटो सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी मिल गई है। ऑटो, ऑटो कंपोनेंट, ड्रोन इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम शुरू की गई है। मोदी सरकार ने इन तीनों सेक्टर के लिए 26,058 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को बूस्ट मिलेगा और 7।60 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इस फैसले से ऑटो सेक्टर में विदेशी निवेश बढ़ने की भी उम्मीद है।
जीडीपी में बढ़ेगा ऑटो का हिस्सा
PLI स्कीम की घोषणा के साथ मोदी सरकार जीडीपी में ऑटो क्षेत्र की हिस्सेदारी 12 फीसदी तक बढ़ाना चाहती है, जो अभी 7।1 फीसदी है। इसीलिए भारत के ऑटो और कंपोनेंट बाजार के लिए PLI स्कीम लाया गया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इससे भारत को ग्लोबल प्लेयर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “इस समय करीब 17 अरब डॉलर के कंपोनेंट विदेश से आते हैं, सरकार का उद्देश्य यह है कि इसे भारत में ही बनाया जाय। PLI स्कीम से आयात को कम करने में मदद मिलेगी।” उन्होंने बताया कि PLI स्कीम के तहत चुनी गई कंपनियों को 5 साल तक निवेश करना होगा। निवेश की सीमा अलग अलग है। यह इंसेंटिव पांच साल तक मिलेगा।
भारत से दुनिया में जाए तकनीक
टेलिकॉम सेक्टर में अब डिजिटल फॉर्मेट में सिम खरीदने वाले कस्टमर का वेरिफिकेशन होगा। हर साल की आखिरी तिमाही में ऑक्शन होगा। प्रीपेड से पोस्टपेड में जाने पर दोबारा KYC नहीं। सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर टावर का इंस्टालेशन होगा। 1953 के नोटिफिकेशन के हिसाब से लाइसेंस राज खत्म हो गया है। इक्विपमेंट खरीदने में अब कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार चाहती है कि लगातार बदलते तकनीक के इस दौर में कंपनियां 4g/5g टेक को भारत में डिजाईन कर उसे दुनिया भर में निर्यात करें।