विधायक सरयू राय से एसएसपी प्रभात कुमार के स्थानांतरण पर उठाए सवाल, सीएम हेमन्त सोरेन को लिखा पत्र, जाने किन मुद्दों को उठाया

Jamshedpur पूर्व के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पूर्वी सिंहभूम के वरीय आरक्षी अधीक्षक प्रभात कुमार के स्थानांतरण पर सवाल उठाए हैं।इस बाबत उन्होने मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन को पत्र भी लिखा है। पत्र इस प्रकार है।

माननीय मुख्यमंत्री,
झारखंड सरकार.

विषय ः पूर्वी सिंहभूम ज़िला के उपायुक्त के बाद वहाँ के वरीय पुलिस अघीक्षक के स्थानांतरण में भी सिविल सर्विसेज़ बोर्ड के प्रावधानों की अवहेलना करने के संबंध में.

महाशय,
आप अवगत हैं कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के अपरिपक्व स्थानांतरण सरकार द्वारा कर दिये जाने के विषय में दिनांक 31.7.2023 को विधानसभा में पूछे गये मेरे एक अल्प सूचित प्रश्न का उत्तर सरकार ने दिया था. उत्तर में सरकार ने मेरे प्रश्न की कंडिका-1, 2 और 3 का उत्तर स्वीकारात्मक बताया था. प्रश्न की कंडिका-4 के उत्तर में सरकार ने बताया थी कि वर्ष 2020 मे 65, 2021 मे 69 और 2022 मे 80 प्रशासनिक पदाधिकारियों का स्थानांतरण राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल की निर्धारित न्यूनतम अवधि पूरा होने के पहले किया है और ये स्थानांतरण सिविल सर्विसेज़ बोर्ड में समीक्षोपरांत किये गये हैं. प्रश्नोत्तर की प्रति निम्नवत है.

इसके कुछ दिन पहले कार्यकाल की निर्धारित अवधि पूरा होने के काफ़ी पहले पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त का स्थानांतरण भी सरकार ने कर दिया था.

कल दिनांक 8 सितंबर 2023 को पूर्वी सिंहभूम के वरीय पुलिस अधीक्षक और राँची के वरीय पुलिस अधीक्षक का स्थानांतरण भी उनके कार्यकाल की न्यूनतम निर्धारित अवधि पूरा होने के पहले कर दिया गया. सरकार का यह निर्णय एक केन्द्रीय अधिनियम के तहत जारी भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 28.1.2014 और इसके आलोक में झारखंड सरकार द्वारा दिनांक 24.2.2015 को निर्गत अधिसूचना के तहत गठित सिविल सर्विसेज़ बोर्ड के प्रावधानों का उल्लंघन है तथा जिस भावना से ये अधिसूचनाएँ निर्गत की गई हैं उस भावना के भी विपरीत है. यहाँ यह कहना अप्रासंगिक नहीं होगा कि इन दोनों स्थानांतरणों में राजनीतिक हस्तक्षेप की बू आती है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अनुचित एवं मनमाना राजनीतिक हस्तक्षेप से संरक्षण देना और उन्हें विधि सम्मत दायित्व का निर्वहन करने का अवसर देना ही केन्द्र द्वारा प्रासंगिक अधिनियम को पारित करने एवं उपर्युक्त अधिसूचनाओं को निर्गत करने का उद्देश्य है. अफ़सोस है कि राज्य सरकार एतदसंबंधी दायित्व का पालन करने के प्रति गंभीर नहीं प्रतीत हो रही है. इससे पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों का मनोबल टूटेगा, वे हतोत्साहित होंगे जिसका प्रतिकुल प्रभाव जनहित पर होगा.

महोदय, आप कृपया मुझे यह जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे कि अपने पद पर न्यूनतम निर्धारित अवधि पूरा करने के काफ़ी पहले इन दोनों अधिकारियों का स्थानांतरण करने के बारे में बोर्ड की मीटिंग में क्या कारण अंकित किये गये हैं. सुलभ संदर्भ हेतु मैं इस बारे में बोर्ड द्वारा विचार करने हेतु अधिसूचित प्रक्रिया के प्रासंगिक अंश को निम्नवत उद्धृत कर रहा हूँ ः-

3. Methodology/Process –
a. Will obtain detailed justification from the concerned administrative department of the government for transfer of any officer before the prescribed tenure.
i) Shall consider the report of the Administrative Department along with other inputs received by it from other reliable sources.
ii) – Obtain comments from the officer proposed to be transferred to the Board regarding the circumstances presented to the Board as justification for the proposal.
iii) Shall not recommend such transfer without being satisfied with the reasons for the premature transfer.

Submit a quarterly report to the Central Government in cases it deems fit, giving clear details of the officers recommended for transfer before the minimum prescribed tenure and the reasons therefor.

महोदय, क्या उपर्युक्त दोनों पुलिस पदाधिकारियों के समय पूर्व स्थानांतरण में उपर्युक्त विधिक प्रक्रिया का पालन किया गया है? यदि किया गया है तो क्या आप इससे मुझे अवगत कराने अथवा इसे सार्वजनिक करने की कृपा करेंगे.

महोदय, बिना विस्तार में गये निवेदन है कि निहित स्वार्थ प्रेरित अनुचित राजनीतिक दबाव मे पुलिस एवं प्रशासन के ज़िम्मेदार पदाधिकारियों के समय पूर्व स्थानांतरण पर रोक लगाएँ और सुनिश्चित करें कि बोर्ड इस बारे में समुचित प्रक्रियाओं का पालन करे. साथ ही जमशेदपुर और राँची के वरीय पुलिस अधीक्षकों के समय पूर्व स्थानांतरण के साथ ही विधानसभा मे मेरे प्रश्न के उत्तर में सरकार ने विगत तीन वर्षों में समय पूर्व स्थानांतरित किए गए पदाधिकारियों की जो संख्या दिया है उनके स्थानांतरण में बोर्ड ने जो कारण अंकित किया है उनसे भी मुझे अवगत कराने कराने और/अथवा उन्हें सार्वजनिक करने का निर्देश सक्षम पदाधिकारी को दें.

अनुरोध है कि हाल में हुए अपरिपक्व स्थानांतरणों को स्थगित करने तथा भविष्य के स्थानांतरणों में सिविल सर्विसेज़ बोर्ड के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराना चाहेंगे.
सधन्यवाद,

भवदीय

सरयू राय

प्रतिलिपि ः- मुख्य सचिव, झारखंड सरकार, राँची.

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