झारखंड में होनेवाला नगर निकाय चुनाव टल गया है. इसको लेकर बुधवार को जनजातीय सलाहकार परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई. बैठक में कुल 11 एजेंडों पर चर्चा हुई. टीएसी की बैठक के बाद मंत्री चंपई सोरेन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आज सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा ‘द प्रोविजन ऑफ द म्यूनिसिपैलिटिज बिल 2001’ पर स्टैंडिंग कमेटी द्वारा प्रस्तावित संशोधन पर विचार करने का था. इस बिल में प्रावधान किया गया है कि अनुसूचित क्षेत्र में स्थित नगर निकायों में अनुसूचित जनजाति की आबादी अधिक होने पर उसके अनुरूप मेयर, अध्यक्ष या वार्ड पार्षद का पद अनुसूचित जनजाति के लिए ही आरक्षित होगा. परंतु इसके लिए टीएसी की अनुशंसा अनिवार्य है. अब आरक्षण रोस्टर पर महाधिवक्ता से राय ली जायेगी. इसके बाद ही इस दिशा में कदम उठाये जायेंगे.
प्रमुख रूप से पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में एकल पद आरक्षण को लेकर चर्चा हुई. कहा गया कि इस मामले में विधि परामर्श लिया जाएगा, क्योंकि अभी तक पंचायतों में पेसा कानून के तहत ही चुनाव हो रहे हैं. पेसा कानून में कोई संशोधन नहीं किया गया है. बैठक में अधिकांश सदस्यों ने एकल पद पर एसटी का आरक्षण समाप्त करने का विरोध किया और इसको लेकर कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार भेजने का सुझाव दिया है. ऐसे में नगर निकाय चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. जिसके बाद चुनाव को टालने का निर्णय लिया गया.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की तीसरी बैठक संपन्न हुई।
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
*1. पर्यावरण और जनजातीय संस्कृति का संरक्षण करते हुए राज्य में परिवेशीय अनुकूलन पर आधारित पर्यटन अर्थात Eco-Tourism को बढ़ावा दिया जायेगा।*
*2. लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री के लिए सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड कार्यरत है इसी के अंतर्गत व्यापक रूप से लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री कर वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों की अधिक से अधिक आय वृद्धि हो इसके लिए पहल किये जाने का निर्णय लिया गया।*
*3. वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत अधिक से अधिक सामुदायिक पट्टा दिये जाने और उसमें अधिक से अधिक वन भूमि का उपयोग वन विभाग के नियमों एवं पर्यावरण के अनुकूल किये जाने पर जोर दिया गया।*
*4. जनजातीय भाषा में कक्षा 1 से 5 तक के लिए अध्ययन और जनजातीय भाषाओं के अधिक से अधिक उपयोग पर डा0 रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के माध्यम से अध्ययन कराते हुए एक नीति बनायी जायेगी। और जनजातीय भाषाओं में अधिक से अधिक पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद कराते हुए उसका वितरण कराये जाने का निर्णय लिया गया।*
*5. जनजातीय भाषाओं के शिक्षको की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज किया जाय। आवश्यकता अनुसार पद सृजन भी किया जाय।*
*6. होड़ोपैथी आदिवासी ज्ञान परंपरा का गौरवपूर्ण हिस्सा रहा है इसको देखते हुए इसके वैज्ञानिक विश्लेषण, अध्ययन, अनुसंधान, प्रकाशन के साथ सी0एस0आई0आर0 के तरह वैज्ञानिक प्रयोगशाला बनाते हुए इसे आयुष में सम्मिलित किये जाने पर जोर दिया गया।*
*7. The Municpalities (Extensionn to the Scheduled Areas) Bill, 2021 के Standing Committee की अनुशंसा ’’नगर निकाय की समिति जिसमें जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व हो की अनुशंसा नगर निकाय को बाध्यकारी होगी (Recommedation of this Committee shall be ordinarily be binding on the Municipality)” को विलोपित करने की अनुशंसा की गयी थी पर विचारोपरांत उक्त प्रावधान को यथावत रखने की अनुशंसा भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जनजातीय हितों की रक्षा के प्रतिकूल कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।