Jamshedpur,25 June: भाजपा नेता धनबाद प्रभारी ने MGM कालेज (मेडिकल कॉलेज)परिसर में बन रहे 500 बेड के अस्पताल के नक्शे की स्वीकृति पर वस्तुस्थिति साफ करने की मांग की है । उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा आज भी कई स्थानों पर दो विधान दो समान दो निशान की नीति चल रही हैं और देश के कानून से भी बड़ा झारखंड का कानून बन चुका है। उन्होंने कहा 500 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट का हम स्वागत करते हैं,पर कुछ बिंदुओं पर झारखंड की सरकार एवं जिला वन पदाधिकारी दलमा इको सेंसेटिव जोन से पूछना चाहता हूं – एमजीएम कॉलेज के अंदर बन रही विशाल बिल्डिंग क्या दलमा इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत आती है या बाहर ,यह जनता को अवगत कराया जाय। दलमा इको सेंसेटिव जोन में डीएफओ से पूछना चाहता हूं क्या इस बहुमंजिली इमारत का नक्शा पास हुआ है या नहीं और अगर पास हुआ है तो किस विभाग ने स्वीकृति दी है?
दूसरी तरफ आम लोगों के लिए बरसों से दलमा इको सेंसेटिव जोन के नाम पर नक्शा पास करना मानगो नोटिफाइड के द्वारा बंद कर दिया गया । क्या जनता के लिए अलग कानून और सरकार का अलग कानून चलता है?
आज दलमा इको सेंसिटिव जोन के नाम पर पारडीह से लेकर भिलाई पहाड़ी तक मानगो नोटीफाइड एरिया द्वारा बिल्डिंग नक्शा की स्वीकृति नही दी जा रही है क्यो ?क्या यह जनता के अधिकार का उलन्घन नही ?
उन्होंने कहा एमजीएम कॉलेज में बन रहे हॉस्पिटल का मैं स्वागत करता हूं कि वह बंद नहीं होना चाहिए ,लेकिन जिस तर्ज पर सरकार या जिला प्रशासन द्वारा नक्शा पास कर या इजाजत देकर सरकार ने दी है उसी प्रकार अगल-बगल के लोगों को भी नक्शा पास कराने की इजाजत होनी चाहिए और विभागीय द्वारा अनुमोदित करनी चाहिए। MNAC द्वारा इस प्रकार रोक लगाकर जमशेदपुर शहर में दो कानून चलाया जा रहा है जिसका हम इसका विरोध करते हैं।