संवाददाता सम्मेलन के दौरान डा. राजीव द्विवेदी, डा. जरीना बेगम और प्रियंका सिंघल
जमशेदपुर कार्यालय, 25 मार्च : मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज जमशेदपुर परिसर में आज मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज और इंडियन एकेडमी आफ प्रिवेंटिव और सोशल मेडिसीन द्वारा वन हेल्थ पर कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. आईएएसपीएम के महासचिव डा. पुुरूषोत्तम गिरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिवंश चोपड़ा एवं उप निदेशक स्वास्थ्य सेवा झारखंड डा. विरेन्द्र कुमार सिंह मुख्य वक्ताओं में शामिल थे. मणिपाल एकेडमी आफ हायर एजुकेशन के वाइस चांसलर लेफ्टीनेंट जनरल डा. एम डी वेंकटेश ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम का आयोजन विभागाध्यक्ष डा. जरीना बेगम ने डीन डा. सुनीता त्रिपाठी और शैक्षणिक प्रशासन निदेशक डा. राजीव द्विेदी के साथ किया. एक संवाददाता सम्मेलन में डा. जरीन बेगम, डा राजीव दिवेदी,एवं मणिपाल टाटा कालेज की कंसलटेंट प्रियंका सिंघल ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसमें 12 मौ्िरखक प्रस्तुतियां, 12 पोस्टर प्रस्तुतियां, और नौ वैज्ञानिक सत्र शामिल थे। करीब 200 प्रतिभागियों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया. डा. बेगम ने वन हेल्थ की चर्चा करते हुए कहा कि मानव, पशु एवं पर्यावरण, स्वास्थ्य की परस्पर निर्भरता पर प्रकाश डाला गया. हमने देखा है कि जानवरों से किस तरह वर्ड फ्लू एवं अन्य रोग हमें प्रभावित कर रहे हैं. हाल की महामारी को भी पूरी दुनिया ने झेला है.
आयोजन के दौरान वैज्ञानिक सत्र एक स्वास्थ्य विषय पर केंद्रित था. जिसमें कुपोषण, टीके से रोके जाने योग्य रोग, खसरा- रूबेला, एचआईवी आदि जैसे समुदायों में प्रचलित बीमारियों के निवारण एवं उपचारात्मक पहलुओं को संबोधित किया गया. वैज्ञानिक सत्र में देश भर के साथ-साथ डब्ल्यूएचओ, यूनीसेफ, जेएसएसीएस, जेएचपीआईईजीओ एवं एलायंस इंडिया के विशेषज्ञों ने भाग लिया.
इस दौरान स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं शिक्षाविदों ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक स्वास्थ्य रणनीति को लागू करने के संभावनाओं एवं कठिनाइओं पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. आईएपीएसएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. हरिवंश चोपड़ा ने कहा कि हम सम्मेलन में मिली प्रतिक्रियाओं से उत्साहित हैं. वन हेल्थ दृष्टिकोण लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है. सम्मेलन के समापन सत्र में शीर्ष मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम में डा. सुनीता त्रिपाठी, डा. राजीव द्विवेदी, डा. एस सी बंधु, डा. विजय कौटिल्य, डा. सुधीर राय, डा. जरीना बेगम, सिद्धीराम हालिखेड, क्षतिज मोहन एवं अन्य शामिल रहे. आयोजन सचिव डा. अभिषेक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया.