मणिपाल मेडिकल कालेज में राष्ट्रीय स्तर का फोरेंसिक कान्फ्रेंस, अपराध अनुसंधान में झारखंड बन सकता है माडल स्टेट

जमशेदपुर, 15 अप्रैल: मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज में गत 13 अप्रैल से चल रहे तीन दिवसीय ‘‘अपराध अनुसंधान एवं न्याय व्यवस्था में फोरेंसिक विज्ञान की महत्ता’’ विषयक राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आज समापन हुआ। इस अवसर पर समापन सत्र में गुजरात के अवकाश प्राप्त डी जी पी एवं ए सी बी के निदेशक केशव कुमार मुख्य अतिथि थे। जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार एवं सिटी एस पी विजय शंकर विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि अवकाश प्राप्त डी जी पी श्री कुमार ने मणिपाल मेडिकल कालेज परिसर में प्रेस से बातचीत करते हुए बताया कि फोरेंसिक विज्ञान विषयक इस तरह की कोई राष्ट्रीय गोष्ठी पहली बार झारखण्ड में आयोजित हुई जो इस राज्य में अपराध अनुसंधान और न्याय प्रक्रिया में सकारात्मक सहयोग की दिशा में एक गेम चेंजर हो सकता है। इस गोष्ठी में ला इन्फोर्समेंट से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं। श्री कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने गुजरात को अपराध अनुसंधान के लिए एक माडल राज्य के रुप में विकसित किया जब उन्होंने वहां फोरेंसिक साइंस विश्व विद्यालय की स्थापना कराई जिसे बाद में प्रधानमंत्री बन कर उन्होंने राष्ट्रीय विश्व विद्यालय के रुप में विकसित किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि झारखण्ड में खासकर जमशेदपुर में मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज ने आज जो राष्ट्रीय स्तर का कान्फ्रेंस आयोजित कराया उससे झारखण्ड को भी माडल के रुप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय रिकार्ड के अनुसार आज अपराधों में सजा का प्रतिशत अत्यंत न्यून 33 प्रतिशत है। बाकी 67 प्रतिशत अपराध का भविष्य अंधकार में है। लेकिन अब जबकि फोरेंसिक साइंस की महत्ता पर जोर दिया जा रहा है तब निश्चित रुप से सजा का प्रतिशत बढ़ेगा। केन्द्रीय गृहमंत्री ने 90 प्रतिशत सजा दिलाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे फोरेंसिक विज्ञान की मदद से ही हासिल किया जा सकता है। इसी दिशा में 2021 में डी एन ए को कानूनी मान्यता दिलाई गयी है जिससे न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया में सजा दिलाना आसान हो जाएगा, अपितु बचाव पक्ष को कोई तर्क गढऩा नामुकिन होगा। इसी फोरेंसिक विज्ञान के उपयोग का प्रशिक्षण देने के लिए आज जमशेदपुर पुलिस के लगभग 50 पदाधिकारियों को इस कान्फ्रेंस में ट्रेनिंग भी दी गयी। उन्होंने वरीय पुलिस अधीक्षक की भूमिका की तारीफ की जो उन्होंने इतने पदाधिकारियों को इसमें शामिल कराया। उल्लेखनीय है कि यह कान्फ्रेंस मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज ने रांची रिम्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया। रिम्स के प्रोफेसर डा. भूपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में यह कान्फ्रेंस संपन्न हुआ जिनके साथ मणिपाल के फोरेंसिक एच.ओ. डी डा. विजय कौटिल्य ने अपना योगदान दिया। आरंभ में मणिपाल एकेडमी आफ हायर एडुकेशन के उपकुलपति लेफ्टिनेंट जेनरल एम डी वेंकटेश ने विषय वस्तु पर प्रकाश डाला।समापन सत्र की शुरुआत में पाटलिपुत्र विवि पटना के कुलपति प्रो आर के सिंह ने भी विशिष्ट अतिथि के रुप में अपने उद्गार व्यक्त किये।
इस मौके पर मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज के डायरेक्टर एकाडेमिक एड मिनिस्टेशन राजीव द्विवेदी ने फोरेंसिक विज्ञान की पढ़ाई के लिए मणिपाल की योजनाओं और तैयारियों की जानकारी दी। देश में 90 हजार फोरेंसिक विशेषज्ञों की जरूरत को पूरा करने की दिशा में मणिपाल ने अपनी एक बड़ी योजना तैयार की है।
प्रेस वार्ता में मणिपाल टाटा कालेज के सुरक्षा प्रमुख अवकाश प्राप्त वरीय डी एस पी कन्हैया उपाध्याय, संचार प्रमुख एवं अधिवक्ता प्रियंका सिंघल आदि भी उपस्थित थीं।
इस कान्फ्रेंस में रांची रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के 50 विद्यार्थियों समेत 15 प्रांतों से आए 200 प्रतिनिधियों एवं 20 विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के आयोजन में कालेज के डीन डा जी प्रदीप कुमार, डा सुनीता त्रिपाठी, डायरेक्टर डा राजीव द्विवेदी, डा एच सी बंधु, डा बीबी अदकोली, डा सुधीर राय एयरवाइस मार्शल सेवा निवृत डा आसिफ अहमद, डा महेश्वर प्रसाद, जय प्रकाश, प्रियंका सिंंंघल आदि काबेहद योगदान रहा। आयोजन सचिव डा असीम मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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