मानगो के प्रस्तावित फ्लाई ओवर की डिजाइन में टाटा स्टील का पेंच,विधायक सरयू राय ने कहा-NOC देने के लिए कम्पनी तैयार नहीं

विधायक सरयू राय के सवाल ,परियोजना का डिजाइन अभी तक फाइनल नहीं हुआ है उसकी तकनीकी स्वीकृति भी हो गई और कैबिनेट ने उसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान कर दी.

मानगो-जमशेदपुर के बीच प्रस्तावित बहुचर्चित फ्लाई ओवर की डिजाइन में टाटा स्टील लि॰ का पेंच लग गया है. जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने प्रेस बयान में कहा है कि झारखंड सरकार के अभियंताओं द्वारा पूर्व में बनाई गई डिजाइन को स्वीकार कर अनापत्ति प्रमाण देने के लिए कम्पनी तैयार नहीं है. कंपनी ने फ्लाई ओवर के डिजाइन में व्यापक सुधार करने का सुझाव दिया है. सरकार यह सुझाव मानती है तो फ्लाई ओवर के उतार-चढ़ाव वाले हिस्सों की डिजाइन में भारी फेर बदल करना होगा. इसका असर परियोजना के व्यय पर भी पड़ेगा. यानी अब इस परियोजना की तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति दोबारा लेनी होगी. इस बीच सरकार ने पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख और सेन्ट्रल डिजाइन ऑर्गनाइजेशन (सीडीओ) के मुख्य अभियंता को बदल दिया है. ये दोनों ही इस परियोजना के आरम्भ काल से जुड़े हुए थे. विभाग के दोनों शीर्ष अभियंताओं का अचानक स्थानांतरण सामान्य घटना नहीं है. विधायक सरयू राय ने कहा है कि इस बारे में मैंने पथ निर्माण विभाग के सचिव और कतिपय अभियंताओं से बात की है और फ्लाई ओवर की डिजाइन पर अपनी आपत्ति दर्ज करा दिया है. इस बारे में मैं पहले भी आपत्ति दर्ज करा चुका हूँ. गत जुलाई 2022 से दिसंबर 2022 के बीच मैंने तीन लिखित आपत्तियाँ मुख्यमंत्री और विभागीय सचिव के समक्ष दर्ज करा चुका हूँ. मगर एक बार भी इन्होंने मेरी पृच्छाओं का उत्तर नहीं दिया है और न ही मेरे मंतव्यों एवं टिप्पणियों के तकनीकी एवं व्यवहारिक पहलुओं पर प्रतिक्रिया दी है, इसे उन्होंने खारिज भी नहीं किया है. परंतु फ्लाई ओवर की डिजाइन में परिवर्तन इसका संकेत है कि मेरी आपत्तियाँ सही हैं . केवल डिजाइन में परिवर्तन से ही समस्या का समाधान नहीं होगा. जनहित और राज्य हित में सरकार को इस फ्लाई ओवर की मूल अवधारणा पर ही पुनर्विचार करना होगा.
सरयू राय ने कहा है कि मैंने मुख्यमंत्री और विभागीय सचिव को स्पष्ट रूप से अवगत कराया है कि सरकार को जमशेदपुर एवं आसपास के शहरी क्षेत्रों की यातायात व्यवस्था पर समग्रता में विचार करना होगा और इसके लिए एक व्यापक एवं समन्वित योजना तैयार करनी होगी. मैंने यह भी स्पष्ट किया है कि इस फ्लाई ओवर से मानगो पुल पर लगने वाले यातायात जाम का कोई संबंध नहीं है. बल्कि इससे मानगो की जनता की कठिनाइयाँ बढ़ेंगी, रोजगार-व्यवसाय पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ेगा.
सरयू राय ने कहा ,आश्चर्यजनक और आपत्तिजनक भी है कि जिस परियोजना का डिजाइन अभी तक फाइनल नहीं हुआ है उसकी तकनीकी स्वीकृति भी हो गई और कैबिनेट ने उसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान कर दिया. सवाल उठता है कि इस परियोजना पर ₹462 करोड़ खर्च होने का औचित्य क्या है. विकास परियोजनाओं के राजनीतिकरण और तकनीकी दिवालियेपन का एक अनोखा उदाहरण यह परियोजना साबित होगी. राजनीतिक निर्णयों के आर्थिक एवं वित्तीय कुप्रभाव का भी यह परियोजना एक शर्मनाक उदाहरण साबित होगी.
सरयू राय ने कहा,मुझे उम्मीद है कि सरकार इसके डिजाइन में यत्र-तत्र संशोधन करने के बदले इसकी उपयोगिता पर विचार करे और इसकी जगह एक वैकल्पिक परियोजना तैयार करे जो समीपवर्ती शहरी इलाकों को मिलाकर बनने वाली जमशेदपुर महानगरपालिका के परिप्रेक्ष्य में समग्र हो, व्यापक हो और समन्वित हो

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