रात्रि महाआरती एवं भजन जागरण होगा आयोजन
। जैंतगढ़:-
मकर संक्रान्ति के अवसर पर रामतीर्थ धाम सज धज कर पूरी तैयार है।यहां पर कल एक विशाल धार्मिक मेला लगेगा। हर साल मकर के अवसर पर यहां श्रद्धालूपूजा अर्चना के बाद मेले का आनन्द लेंगें। श्रद्धालू सुबह से ही बैतरणी तट पर पहुंचकर पवित्र स्नान करेंगें। नए-नए वस्त्र का धारण कर मन्दिर में पूजा अर्चना करेंगें . रामतीर्थ मे झारखण्ड के सिंहभुम,सरायकेला-खरसवां तथा ओडिशा के केंवझर, मयूरभंज और सुन्दरगढ़ जिले सेहजारों की संख्या मे श्रद्धालू हर साल यहाँ आते हैं। रामतीर्थ एक धार्मिक के साथ ऐतिहासिक स्थल भी है। लोगों का विश्वास है कि भगवान राम वनवास के दौरान कुछ समय बैतरणी किनारे विश्राम किए थे। यहां उनके पद चिन्ह एंव खड़ाऊं भी पाए गए थे। उन्होने यहां अपने हाथों से शिव लिंग स्थापित की थी।इसी विश्वास के साथ यहां रामेश्वर शिव मन्दिर की स्थापना की गई। जहांभक्त पूरी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करते हैं। भगवान शिव के चरणों मे
बेल पत्ता, भांग और दूध चढ़ाते हैं। मन्दिर ओडिशा और झारखण्ड की सीमा पर अवस्थित है। यहां मकर के अलावा प्रत्येक सोमवार, श्रावण माह मे पूरे माह और शिवरात्रि तथा विशेष अवसरों पर पूजा अर्चना होती है।
तीन मन्दिरों का धाम है रामतीर्थ:-
रामतीर्थ मे एक ही स्थान पर तीन मन्दिर हैं। रामेश्वर शिव मन्दिर, सीताराम मन्दिर और भगवान जगन्नाथ मन्दिर। सुविधा:- रामतीर्थ मे स्नान की सारी सुविधाएं हैं। स्नान घाट,घाट से मन्दिर तक की सीढ़ी एंव महिला स्नान घर आदि के साथ भक्तों के विश्राम
के लिए चबूतरा और मण्डप भी बना है।मेले मे प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहती है।
सावधानी:- वैतरणी नदी की धारा तेज है। गहराई भी असमान्य है। चट्टान से टकराने के बाद पानी घूमने लगती है। कहीं कहीं तो गहराई 15 से 20 फीट है।
सावधानी के साथ स्नान घाट मे स्नान करना सुरक्षित है।
कैसे पहुंचे रामतीर्थ – रेल मार्ग – डांगवापोसी रेलवे स्टेशन से 13 किलोमीटर दूर है ,स्टेशन में बड़बिल टाटा पैसेंजर ,टाटा गुआ ,जन सताब्दी एक्सप्रेस ,डेमो आदि ट्रेन रूकती है। स्टेशन से उतरकर यहां से टेम्पो या सवारी गाड़ी मिल जाती है।बस मार्ग – चाईबासा से जैंतगढ़ 60 किलोमीटर दुरी है ,जैंतगढ़ से रामतीर्थकी दुरी महज 7 किलोमीटर है। यहां जाने के लिए ,टेम्पो ,टाटा मैजिक,कमांडर ,सवारी गाड़ी मिल जाती है , केउनझर से चंपुआ की दुरी 60 किलोमीटर
है ,चंपुआ से रामतीर्थ 5 किलोमीटर है ,यहां से टेम्पो एवं छोटे छोटे चार
पहिया की गाड़ी मिल जाती है।
मेला में रहती है सुरक्षा व्यवस्था – मेला में जगन्नाथपुर पुलिस एवं चंपुआ पुलिस अपने दल बल के साथ लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात रहतें हैं।
इस बार सरकारी विभागीय स्तर से मेला को बेहतर तरीके से करने के लिए इस बार सुरक्षा व्यवस्था चुस्त किया हुआ है। विभाग की ओर से संध्या 5 बजे मां बैतरणी आदि गंगा नदी पर महाआरती कार्यक्रम तथा 5.30 बजे संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन जागरण का आयोजन किया हुआ है। बाहरी लोगों को ठहरने के लिए व्यवस्था भी किया गया है। रामतीर्थ मकर धाम पूरी तरह सज धज कर तैयार हो गया है।