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रांची: झारखंड से राज्यसभा के लिए नवनिर्वाचित झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ मांझी ने देश में बढ़ती महंगाई और कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी के दायरे में लाने पर नाराजगी जाहिर की। महुआ माजी ने कहा कि देश में यह सच्चाई है कि एक क्षेत्र के विकास की कहानी दूसरे क्षेत्र के विनाश की कहानी है। उन्होंने कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है, राज्य में प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा है, कोयला और लोहा समेत अन्य खनिज रहने के बावजूद झारखंड गरीबी का दंश झेल रहा है। ऐसे में जीएसटी और महंगाई से इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में काफी गरीबी है, इस क्षेत्र की एक बड़ी समस्या मानव तस्करी भी रही है। उन्होंने एक चर्चित मानव तस्कर पन्नालाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस पर 15 हजार से अधिक बच्चियों, युवतियों और बच्चों की तस्करी करने का आरोप है।
महुआ मांझी जब इस बात की जिक्र कर रही थीं तो चेयर की ओर से उन्हें मुद्दे से न भटकने के लिए कहा गया। चेयर के बार-बार कहने के बावजूद महुआ माजी बोलती रहीं। महुआ माजी ने अपने पहले भी भाषण में तेवर दिखा दिए। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी के शिकार बच्चों और युवतियों-महिलाओं का ना सिर्फ शारीरिक शोषण होता है, बल्कि मानसिक और आर्थिक शोषण भी होता है। राज्य के बच्चों के लिए यह भी एक सच्चाई कि झारखंड के कई बच्चे जवान नहीं होते है, बचपन में ही उनपर पूरे घर-परिवार का दायित्व आ जाता है और 40-45 वर्ष बाद एक समय ऐसा आता है, जब वे अपने परिवार का बोझ उठाते हुए वृद्ध हो जाता है, अपनी युवा अवस्था का सही से लुत्फ भी नहीं उठा पाते हैं।
LPG गैस सिलेंडर ने आज कबाड़ में अपनी जगह बना ली: माजी
जेएमएम की राज्य सभा सांसद ने कहा कि झारखंड में काफी गरीबी है, केंद्र सरकार से विशेष सहायता की जरूरत है, झारखंड का केंद्र सरकार की विभिन्न कंपनियों पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, जबकि डीवीसी की ओर से मात्र 8000 करोड़ बकाया रहने पर झारखंड की बिजली काट दी जाती है। उन्होंने बढ़ती महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गरीब परिवारों के लिए एलपीजी गैस सिलेंडर ने आज कबाड़ में अपनी जगह बना ली है। ऐसे लोगों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। लघु एवं वन उपज का भी झारखंड के लोगों को सही तरीके से फायदा नहीं मिल पा रहा है, इसमें वन अधिनियम बाधा उत्पन्न कर रही है, वन कानून के कारण ग्रामीणों को वन क्षेत्र में जाने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
महंगाई की मार से लोगों की मुश्किलें और बढ़ी है: महुआ मांझी
उन्होंने कहा कि यहां पर डायन प्रथा बहुत हावी है। यहां पर किसी भी महिला को डायन करार दिया जाता है। इसमें महिला के नाखून काट दिया जाता है। बालों को काट दिया जाता है। महिला को नग्न करके घुमाया जाता है। जिस प्रदेश में इतनी समस्याएं हों वहां पर महंगाई की मार से लोगों की मुश्किलें और बढ़ी है।