नई दिल्ली: एलपीजी सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ गए हैं। इस बढ़ोतरी से आम आदमी की जेब पर असर पड़ेगा। अब लोगों को खाना बनाना महंगा पड़ेगा। एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये का इजाफा हुआ है। इसका मतलब है कि अब आपको एक सिलेंडर के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एलपीजी सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ाने का ऐलान किया है। अब LPG सिलेंडर 853 रुपये का मिलेगा। पहले यह 803 रुपये का था।
यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब पहले से ही महंगाई बहुत ज्यादा है। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में एलपीजी सिलेंडर का महंगा होना आम आदमी के लिए एक और झटका है।
हरदीप सिंह पुरी ने क्या कहा?
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी. उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों के लिए अब गैस सिलेंडर की कीमत 500 से बढ़कर 550 रुपये हो जाएगी, जबकि अन्य उपभोक्ताओं को अब 803 की जगह 853 रुपये चुकाने होंगे. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह फैसला स्थायी नहीं है और इसकी समीक्षा हर 2 से 3 हफ्ते में की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि पेट्रोल और डीजल पर जो एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है, उसका बोझ आम लोगों पर नहीं डाला जाएगा. यह बढ़ोतरी तेल कंपनियों को हुए 43,000 करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए की गई है, जो उन्हें गैस बेचने में हुआ है.
झटके पे झटका
इसके पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बीच सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क दो-दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। हालांकि, इस आदेश में यह नहीं बताया गया है कि उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों पर किस तरह का असर देखने को मिलेगा।
इस बीच, उद्योग सूत्रों ने कहा कि उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में बदलाव की संभावना नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल कीमतों में गिरावट
पिछले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल कीमतों में गिरावट आने से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन, अब उत्पाद शुल्क बढ़ जाने से ऐसा होने की संभावना कम हो गई है।