लॉकडाउन के डर से प्रवासी मजदूरों का पलायन फिर शुरू, यूपी-बिहार वाली ट्रेनें बन सकती हैं सुपर स्प्रेडर

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मुंबई/पुण

लॉकडाउन के डर के चलते एक बार फिर प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। ये लोग अपने घर लौटने लगे हैं। मुंबई में लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन से यूपी जाने वाली ट्रेनों में पैर रखने की जगह नहीं है। जनरल डिब्बों में तो लोग एक-दूसरे के ऊपर सवार होकर यात्रा कर रहे हैं। पुणे और नागपुर में भी यही हालात हैं। ये ट्रेनें सुपर स्प्रेडर बन सकती हैं और संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है। …
वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय निरुपम भीड़ की जानकारी मिलने के बाद यात्रियों को समझाने LTT स्टेशन पहुंचे थे।
LTT स्टेशन पर ट्रेनों के जनरल डिब्बों में क्षमता से दोगुने लोग नजर आए। लोग डिब्बों में सही ढंग से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। ज्यादातर का चेहरा मास्क या कपड़े से ढंका हुआ था, पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन इन स्थितियों में असंभव। सीटों और फ्लोर पर जगह नहीं मिली तो लोग छतों पर चादर बांधकर बैठ गए। गोरखपुर जा रही ट्रेन में तो लोग गेट पर लटक कर भी सफर को तैयार थे।

मुसाफिरों ने बताई खतरों से भरे इस सफर की वजह
उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले ज्यादातर लोगों की मुंबई में नौकरी चली गई है।
लखनऊ जा रहे परवेज आलम ने कहा, ‘लॉकडाउन की आशंका के चलते काम नहीं मिल रहा है। यहां क्या करेंगे इसलिए वापस जा रहे हैं।’ संक्रमण की पिछली लहर के बाद इस साल जनवरी में बारबंकी (UP) से मुंबई वापस आए रामेश्वर फिर घर के लिए रवाना हो गए। जाने से पहले बताया कुछ दिन एक प्राइवेट कपड़ा फैक्ट्री में काम मिला, लेकिन 4 दिन पहले कंपनी के मालिक ने नौकरी से निकाल दिया। अब घर लौटने के अलावा कोई चारा नहीं है। यूपी जा रहे सर्वेश त्रिपाठी ने कहा- पिछली बार की तरह पैदल घर जाने से बेहतर है कि इस तरह ट्रेन में खड़े-खड़े 30-35 घंटे का सफर कर लें।

भीड़ के पीछे यूपी का पंचायत चुनाव भी एक कारण

दरवाजे से मौका नहीं मिला तो यात्री खिड़की से डिब्बों में घुसते हुए नजर आए।
लंबी दूरी की गाड़ियों में अचानक बढ़ती भीड़ की एक वजह यूपी का पंचायत चुनाव भी बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 14 अप्रैल से 28 अप्रैल तक चार चरणों में पंचायत चुनाव है। बड़ी संख्या में लोग अपने प्रत्याशियों को वोट देने गांव रवाना होना चाहते हैं। यही वजह है कि यूपी बिहार की तरफ जाने वाली सभी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट बढ़ गई है।

रेलवे की अपील- अफवाहों से घबराएं नहीं

मजदूरों का कहना है कि पैदल जाने से अच्छा है कि ट्रेन में खड़े होकर जाएं।
इतनी भीड़ जुटती देख रेलवे ने अपील की है, ‘ट्रेनों में टिकट की बुकिंग को लेकर फैल रही अफवाहों से घबराएं नहीं। रेलवे गर्मियों की छुट्टियों में अधिक विशेष ट्रेनें चलाती है। लोगों से अपील है कि वे महामारी की चुनौती को ध्यान में रखते हुए स्टेशनों पर भीड़-भाड़ न करें। ट्रेन छूटने से 90 मिनट पहले ही स्टेशन पर पहुंचें। टिकट वालों को ही यात्रा की इजाजत है। कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखें।’

लॉकडाउन के बाद ट्रेनों को कोविड गाइडलाइंस के अनुसार चलाया जा रहा है। नए नियम के मुताबिक, जनरल कम्पार्टमेंट में भी बिना रिजर्वेशन के कोई यात्रा नहीं ik कर सकता।

पुणे में भी स्टेशन के बाहर दिखी भारी भीड़

पुणे स्टेशन पर भी पिछले दो दिनों से लगातार भारी भीड़ नजर आ रही है। उत्तर भारत की ओर जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें फुल चल रही हैं। पुणे के PRO मनोज झवर ने बताया, ‘हम सिर्फ कन्फर्म टिकट वालों को ही स्टेशन में एंट्री दे रहे हैं। स्टेशनों के बाहर भीड़ दिखने की यही वजह है। पुणे से कुछ स्पेशल ट्रेनों को शुरू किया गया है, लेकिन वे भी फुल चल रही है.

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