Jamshedpur,24 April: जिस तरह कोरोना मरीजों के संख्या रोज बढ़ रही है जो पिछले 24 घंटों में सिर्फ एक दिन में 3 लाख पार हो गयी उसके आगे देश का स्वास्थ्य सिस्टम बेहद नाकाफी हो रहा है। ऑक्सीजन की कमी चारो ओर हो गयी है जिसके लिए हाहाकार मच गया है। एक प्रमुख दवा Remdisivir के अलावा अस्पतालों में जगह ,बेड, डॉक्टर , आदि भी कफ कम पड़ रहे हैं। इस भीषण अप्रत्याशित संकट का सामना करने के लिए राज्य हों या केंद्र की सरकारें सब आग लगने पर कुआं खोद रही हैं।लोग भी सावधानियों से बाज आ रहे हैं। राज्य सरकारें आधे अधूरे मन से लॉक डाउन की औपचारिकता निभा रही हैं।
ऐसे हालात में देशवासियों को आने वाले कुछ दिनों में टोटल लॉक डाउन के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि ऑक्सीजन की सप्लाई को सामान्य बनाने के लिए सरकार जो प्रयास कर रही उनका परिणाम आने में अभी और कुछ दिन लग सकते हैं। तबतक कोई आश्चर्य नही कि मरीजों की संख्या 4 लाख पार हो जाए और मौतों की संख्या और बढ़ जाए।प्रधानमंत्री अगले कुछ दिनों के भीतर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातें करने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में हालत की भयावहता पर चर्चा करते हुए अंतिम उपाय पर विचार किया जा सकता है। राजनीतिक कारणों से विरोधी दलों की सरकारों के मुख्यमंत्री लॉक डाउन पर खुल कर कुछ नही बोलना चाहते, क्योंकि पिछले लॉक डाउन को लेकर सब केंद्र की आलोचना कर चुके है। अभी भीतर ही भीतर सभी चाहते हैं कि केंद एक समान पूरे देश मे लॉक डाउन लगा कर लोगों को घरों में बंद करे तभी इस हालत पर काबू पाया जा सकेगा। दवाओं की उपलब्धता के साथ वैक्सीनशन का काम बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है । लोग बाग खतरे को देखते हुए भी भीड़ भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाने और मास्क लगाने की अनिवार्यता को नहीं समझ रहे हैं। विदित हो कि पहले चक्र में प्रधानमंत्री ने कहा था जान है तो जहांन है, फिर उन्होंने कहा जान भी है जहांन भी है। अभी उन्होंने लॉक डाउन को अंतिम उपाय बताया है। ऐसा लगता है मरीजों की बढ़ती संख्या और कम पड़ते साधनों के बीच अंतिम उपाय करने का खतरा सामने मुंह बाए खड़ा हो गया है।
देश की अदालतें भी लॉक डाउन का आदेश देने पर गंभीर विचार मुद्रा में दिख रही हैं ।
कोरोना को लेकर भारत की हो रही किरकिरी
हर दिन बढ़ते मामलों के साथ भारत अब दुनिया में कोरोना संक्रमण का केंद्र बन गया है. महामारी की दूसरी लहर से निबटने के अब के सारे प्रयास विफल साबित हुए हैं. इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रेस का ध्यान अब ब्राजील से हट कर भारत की ओर आ गया है. अपनी छवि को लेकर बेहद सचेत रहनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी प्रेस के निशाने पर आ गये हैं. दुनिया भर के अखबारों की नजर में मोदी ने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में नायक के रूप में छवि बनाई थी जो दूसरी लहर में बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
भारत में संक्रमितों की संख्या एक दिन में तीन लाख के पार बता रहा है कि संक्रमण के मामलों में असाधारण वृद्धि हो रही है। दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हैं.दुनिया के कई देश भारत को मदद के लिए हाथ बढ़ाने पर तैयार हो रहे है। सिंगापुर से ऑक्सीजन एयरलिफ्ट कर लाया जा रहा है।