सुप्रीम कोर्ट ने शुरू की लखीमपुर खीरी कांड में सुनवाई, स्टेट्स रिपोर्ट आज ही फाइल करने पर यूपी सरकार को फटकार

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को शुरू हो गई। लखीमपुर कांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हरीश साल्वे ने सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट फाइल की। चीफ जस्टिस ने कहा कि रिपोर्ट एक दिन पहले फाइल करनी चाहिए थे। यूपी सरकार ने मामले की सुनवाई टालने का भी आग्रह किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे इनकार कर दिया।
यूपी सरकार की तरफ से हरीश साल्वे ने कहा कि हमनें इस मामले में प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। CJI ने कहा कि आपकी स्टेट्स रिपोर्ट हमें अभी मिली है। आपको कम से कम एक दिन पहले फाइल करनी चाहिए थी, हमने देर शाम तक आपकी रिपोर्ट का इंतजार किया।

कोर्ट पढ़ रहा प्रगति रिपोर्ट
वकील हरीश साल्वे ने कहा कि आप मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दीजिए। सीजेआई ने कहा नहीं, मामले की सुनवाई नहीं टाल सकते। फिलहाल कोर्ट यूपी सरकार की प्रगति रिपोर्ट को पढ़ रहा है। फिलहाल मामले की सुनवाई के लिए अब 26 अक्टूबर की तारीख तय की गई है।

पढ़ें कैसे हुई सुनवाई
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे: कृपया इसे गुरुवार या शुक्रवार को लें
सीजेआई: नहीं…नहीं मिस्टर साल्वे, कोई गुरुवार या शुक्रवार नहीं
सीजेआई: हमने स्टेट्स रिपोर्ट की फाइलिंग के लिए कल रात 1 बजे तक इंतजार किया। लेकिन हमें कुछ नहीं मिला।
सीजेआई: सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अन्य गवाहों को दर्ज क्यों नहीं किया गया?
पिछली सुनवाई के दौरान बेंच ने 20 अक्टूबर की तारीख तय की थी। 8 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के सीनियर अधिकारियों से कहा था कि मौके पर तमाम साक्ष्य सुरक्षित रखे जाएं और उन्हें नष्ट न होने दें। पिछली सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे से कहा था कि हम आपका (साल्वे) सम्मान करते हैं। केस संवेदनशील है। हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।

संदिग्धों के 6 फोटो सार्वजनिक
साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सीबीआई जांच भी समाधान नहीं है। बेहतर होगा कि आप कोई और रास्ता तलाश करें। वहीं, विशेष जांच दल ने 3 अक्टूबर को तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में छह फोटो सार्वजनिक किए हैं। जनता से इनमें संदिग्धों की पहचान करने की अपील की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के खिलाफ शीर्ष अदालत ने कई तीखे सवाल किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से इस मामले में उठाए गए कदम पर असंतुष्टि जाहिर की थी और सवाल किया कि क्या हत्या के अन्य मामले में भी पुलिस इसी तरह से आरोपी के साथ पेश आती है।

आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि आप राज्य को क्या संदेश दे रहे है। क्या आप मर्डर केस के आरोपी को समन जारी कर कहते हैं कि आप प्लीज आ जाएं।

क्या है लखीमपुर खीरी कांड?
लखीमपुर खीरी में किसान प्रदर्शन के दौरान उन पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई। इस हिंसा में कुल 8 लोग मारे गए। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया है। बाद में आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था।

चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि क्यों अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद यूपी पुलिस ने आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की एसआईटी पर भी सवाल उठाया था और कहा कि तमाम लोकल पुलिस अधिकारी उसमें रखे गए हैं।

Share this News...