डुमरिया, 1 सितंबर : डुमरिया स्थित एफसीआई गोदाम में कार्यरत एक मजदूर की आज दो गाडिय़ों के बीच दबने से मौत हो गयी. आक्रोशित परिजन एवं गांव के लोग शव को लेकर देर रात तक डुमरिया एफसीआई गोदाम के सामने मुआवजा के लिए बैठे हुए हैं. वे पांच लाख नकद एवं अन्य सुविधाओं की मांग पर अड़े हैं. मिली जानकारी के अनुसार शरदविरा गांव का रहने वाला विनोद हेम्ब्रम (30) वर्ष आज अनाज अनलोड करने के समय दो वाहनों के बीच दब गया. उसे तत्काल इलाज के लिए डुमरिया सीएससी लाया गया जहां डाक्टर श्याम सोरेन ने उसकी हालत को देखते हुए उसे एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया. एमजीएम पहुंचने पर डाक्टर ने उसे मृत पाया तो उसे बिना पोस्टमार्टम कराये वापस डुमरिया लाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार सतेन्द्र सिंह मामले को रफा-दफा कराने के चक्कर में हैं. उन्होंने एफसीआई गोदाम का ठेका ले रखा है जहां चावल अनलोड किया जा रहा था. वहां एक गाड़ी पहले से खड़ी थी इसी दौरान दूसरी गाड़ी से दबकर विनोद हेम्ब्रम की मौत हो गयी. घटना सुबह साढ़े नौ बजे की है. 12 बजे तक इस मामले को भरसक दबाने का प्रयास किया गया. वहां 15 मजदूर काम कर रहे थे.
जब शव को एमजीएम से वापस डुमरिया लाया गया तो गांव के लोगों ने शव को लेकर सडक़ जाम कर दिया. हलांकि थाना प्रभारी विनोद टुडू द्वारा मुआवजा दिलाने का आश्वासन मिलने के बाद लोगों ने सडक़ जाम तो हटा दिया मगर वे शव के साथ एफसीआई गोदाम के सामने बैठ गये. ठेकेदार सतेन्द्र सिंह के एक प्रतिनिधि वहां वार्ता के लिए पहुंचे और 50 हजार रूपये देने के पेशकश की. इस पर गांव के लोग भडक़ गये वे मृतक की पत्नी सुखी हेम्ब्रम एवं बच्चों को 10 लाख रूपये मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे थे. हलांकि बाद में वे पांच लाख रूपये पर आए. लेकिन ठेकेदार के प्रतिनिधि ढाई लाख रूपये से अधिक देने पर तैयार नहीं हुए. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने भरोसा दिलाया कि वे प्रभावित परिवार को पारिवारिक योजना का लाभ और विधवा पेंशन का लाभ दिलाएंगे मगर लोग पांच लाख के मुआवजे पर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि कल ठेकेदार को यहां बुलाया जाए और विधायक संजीव सरदार भी मौजूद रहेंगे. उन्हीं की मौजूदगी में मुआवजा का फैसला होगा. देर रात तक शव एफसीआई गोदाम के बाहर ही रखा हुआ था.