“संपूर्ण छोटानागपुर पठार अंतर्गत झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा के अलावा असम राज्य के विभिन्न जिलों में रहने वाले लगभग 2 करोड़ से भी अधिक कुड़मी समुदाय की मातृभाषा कुरमाली है”
New Delhi , 11Feb.MP विद्युत वरण महतो ने आज Loksabha में कुड़माली भाषा का मुद्दा उठाया।नियम 377 के तहत मामला को उठाते हुए उन्होंने कहा कि देश में वर्ष 2021 से शुरू हो रही जनगणना में कुड़मियों की मातृभाषा कुड़माली को भाषा कोड में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा की “संपूर्ण छोटानागपुर पठार अंतर्गत झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा के अलावा असम राज्य के विभिन्न जिलों में रहने वाले लगभग 2 करोड़ से भी अधिक कुड़मी समुदाय की मातृभाषा कुरमाली है” । भारत की जनगणना की भाषा सूची में कुड़माली भाषा कोड नहीं दिया गया है जिससे एक आदिम विशिष्टता से परिपूर्ण भाषा और संस्कृति के विलोपित होने का खतरा मंडरा रहा है । MP ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कुड़मियों की मातृभाषा कुड़माली को भाषा कोड में शामिल किया जाए।लोकसभा में अपनी बात को रखने के पश्चात सांसद श्री महतो ने कहा कि वह इस संबंध में जल्दी ही जनगणना के महापंजीयक से मिलकर भी इस मामले को उठाएंगे और कुड़माली को समुचित मान सम्मान दिलाने का प्रयास जारी रखेंगे।