तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से आयोजित श्रीवारी कल्याण रथ ने मंगलवार (7 जनवरी) को तिरुमला से प्रयागराज कुंभ मेले के लिए प्रस्थान किया. इस अवसर पर टीटीडी के चेयरमैन बी.आर. नायडू और अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी वेंकय्या चौधरी ने रथ की पूजा की और इस धार्मिक यात्रा की शुरुआत की. ये रथ भगवान श्रीवारी की पूजा अर्चना के लिए उत्तर भारत में अलग-अलग स्थानों पर यात्रा करेगा, जिससे श्रद्धालुओं को तिरुमला के दर्शन और पूजा का अनुभव मिल सकेगा.
प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाला कुंभ मेला 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा. इस मेले में लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने कुंभ मेले के आयोजन के लिए 2.5 एकड़ भूमि आवंटित की है जिस पर श्रीवारी का एक मॉडल मंदिर स्थापित किया गया है. इस मंदिर में तिरुमला की जैसी सभी धार्मिक सेवाएं और अनुष्ठान होंगे, जिससे उत्तर भारत के श्रद्धालुओं को तिरुमला के वातावरण का अनुभव हो सकेगा. इस कदम से प्रयागराज में भगवान श्रीवारी के भक्तों को एक नई आध्यात्मिक सेवा का अवसर मिलेगा.
70 सदस्यीय टीम करेगी तिरुमला जैसी पूजा अर्चना
इस मॉडल मंदिर में 170 सदस्यीय एक टीम की ओर से तिरुमला की तरह ही पूजा अर्चना, भजन कीर्तन और बाकी धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे. इस टीम का उद्देश्य है कि भक्तों को तिरुमला के अनुभव जैसा माहौल प्रदान किया जाए ताकि वे भगवान श्रीवारी की उपासना में पूरी तरह समाहित हो सकें. इस टीम की ओर से नियमित रूप से पूजा और बाकी धार्मिक सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे श्रद्धालुओं को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सकेगा.
कुंभ मेला में श्रीवारी कल्याणोत्सव के चार विशेष सत्र
जानकारी के मुताबिक इस बार कुंभ मेला में श्रीवारी कल्याणोत्सव के चार विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे. ये सत्र 18 और 26 जनवरी साथ ही 3 और 12 फरवरी को आयोजित होंगे. इन सत्रों में भगवान श्रीवारी की पूजा और भक्तों के लिए विशेष अनुष्ठान होंगे. इन अवसरों पर श्रद्धालुओं को विशेष आशीर्वाद मिलेगा और वे भगवान श्रीवारी के साथ अपनी धार्मिक यात्रा को और भी पवित्र बना सकेंगे. इस महत्वाकांक्षी आयोजन के सफलतापूर्वक संचालन के लिए टीटीडी ने सभी से सहयोग की अपील की है.