Kolhan में भाजपा की बागडोर किसके हाथों में सौंपेगा आलाकमान ?

Manoharpur,15 July: झारखण्ड में निकट भविष्य में न तो लोकसभा का चुनाव है और न ही विधानसभा का। पंचायत चुनाव कोरोना काल पर निर्भर करेगा ,झारखंड में भाजपा खासकर कोल्हान में जिस तरह शून्यता देखी जा रही है उससे लगता है भाजपा ने फिलहाल मैदान सत्तारूढ़ दलों के लिए छोड़ रखा है। कोल्हान में पूर्व सांसद सह पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ के निधन के बाद तो कोल्हान पूरी तरह से उपेक्षित हो गया है। फिलहाल केंद्र सरकार के जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा की गतिविधियां कोल्हान में देखी जा रही हैं। कोल्हान में भाजपा कार्यकर्ता अब अर्जुन मुंडा की ओर उम्मीद की निगाहें लगाए हुए हैं। विगत कुछ दिनों की गतिविधियों पर नजर डाली जाय तो मंत्री अर्जुन मुंडा का कार्यक्रम खूंटी लोकसभा क्षेत्र के साथ अधिकतर कोल्हान में देखा गया। एकलव्य मॉडल स्कूल निर्माण कार्य का शिलान्यास सरायकेला- चाईबासा- मझगांव विधानसभा के अलावे पूर्वी सिंहभूम जिले के दो स्थानों में किया। शिलान्यास के बहाने भाजपा पार्टी कार्यकर्ता में जोश भरा। लक्ष्मण गिलुआ के निधन के बाद कोल्हान भाजपा में आदिवासी नेता का अभाव देखा जा रहा है। भाजपा नेतृत्व भी कोल्हान में एक आदिवासी नेता की तलाश में है ।2019 के लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से विद्युतवरण महतो भारी मतों से दूसरी बार सांसद बनने में सफल हुए। परंतु पश्चिम सिंहभूम चाईबासा से भाजपा प्रत्याशी रहे लक्ष्मण गिलुआ हार गए। विधानसभा चुनाव में कोल्हान से भाजपा का सुफड़ा साफ़ हो गया।यह अलग बात है कि एक समय था कोल्हान में भाजपा का तूती बोलती थी ।जो स्थिति आज भाजपा की है वही स्थिति झामुमो की थी। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि कोल्हान में भाजपा के पांव जमाने के लिए नेतृत्व की जरूरत है। भाजपा के पास कोल्हान में अर्जुन मुंडा को छोड़कर दूसरा कोई बड़ा नेता नहीं दिखता जो सभी समुदाय को समेट कर नेतृत्व दे सके। अगर है भी तो वे सीमित क्षेत्र के लिए है। समय ही बताएगा कि कोल्हान में भाजपा को खड़ा करने में आलाकमान किसको बागडोर देता है।

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