26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की आड़ में किसान आंदोलन बेकाबू होते चला गया. इन पंक्तियों के लिखे जाने तक नांगलोई में हिंसा बेकाबू होती जा रही है .पुलिस उपद्रवियों को रोकने के लिए लगातार आंसू गैस के गोले छोड़ने पड रहे हैं ।सुबह से ही ट्रैक्टर रैली रिंग रोड पर आ गई। यह रैली आउटर रोड पर निकलने वाली थी ।आज गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी में जो अप्रिय वारदात हुई उससे पूरा किसान आंदोलन ऐसा लगता है कि अराजक तत्वों के हाथ में पड़ गया हो ।लाल किले पर भी कुछ देर पहले लाठी चार्ज होने की खबर है। वहां राष्ट्रीय ध्वज की जगह पर झंडा पताका फहराना लोगों की भावना के साथ खिलवाड़ माना जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को इन सारी घटनाओं से अलग करते हुए सारा दोष प्रशासन के माथे मढ़ दिया है। इस बीच खबर मिल रही है कि नोएडा दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना समाप्त कर दिया गया। प्रशासन और संयुक्त किसान संगठन के बीच बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा के हालत को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। लाल किले की ओर अतिरिक्त बल रवाना किया गया है।