नई दिल्ली। सौंदर्य प्रसाधन अब सिर्फ प्राकृतिक (हर्बल) ही नहीं होंगे, बल्कि आयुर्वेदिक गुणों से भी भरपूर होंगे। आयुर्वेदिक फार्मूले से बने सौंदर्य उत्पाद सिर्फ सुंदरता ही नहीं बढ़ाएंगे, बल्कि त्वचा को निरोग रखने में मदद भी करेंगे। कन्नौज स्थित भारत सरकार के फ्रैगनेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर ने आयुर्वेदिक तरीके से सौंदर्य प्रसाधन तैयार करने की तकनीक विकसित की है। इसने एक निजी कंपनी को यह तकनीक ट्रांसफर भी कर दिया है।
त्वचा को किसी तरह का नहीं होता नुकसान
हर्बल और आयुर्वेद में अंतर बताते हुए आयुष मंत्रालय के संयुक्त सचिव पीएन रंजीत कुमार कहते हैं कि हर्बल उत्पाद में प्राकृतिक तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आयुर्वेदिक उत्पाद को पुराने आयुर्वेदिक फार्मूले के आधार पर तैयार किया जाता है, जो सैकड़ों वर्षो से विभिन्न अंगों को निरोग करने और बीमारियों को ठीक करने का काम करते रहे हैं। पूरी दुनिया में हर्बल सौंदर्य प्रसाधनों का बाजार सिर्फ इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि उनसे त्वचा को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। वहीं आयुर्वेदिक फार्मूले से तैयार सौंदर्य प्रसाधन त्वचा को स्वस्थ और निरोग बनाने में भी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में कई शोध संस्थान आयुर्वेदिक फार्मूले के आधार पर आरोग्य से जुड़ी मौजूदा समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
आयुर्वेदिक सौंदर्य प्रसाधनों को बाजार में लांच भी किया
एमएसएमई मंत्रालय के तहत आने वाले फ्रैगनेंस एंड फ्लेवर डेवलपमेंट सेंटर ने सौंदर्य उत्पादों के लिए आयुर्वेदिक फार्मूले से पूरी तरह प्राकृतिक फेस सीरम और फ्रैगनेंस को तैयार किया है। इसके बाद सेंटर ने एक निजी कंपनी एमिल फार्मास्युटिकल्स के साथ समझौता कर इस तकनीक को हस्तांतरित कर दिया है। बताया जाता है कि कंपनी ने फ्रैगनेंस एंड फ्लेवर सेंटर से हासिल इस फार्मूले का इस्तेमाल कर आयुर्वेदिक सौंदर्य प्रसाधनों को बाजार में लांच भी कर दिया है।