स्वास्थ मंत्री, उपायुक्त, एसएसपी, सिविल सर्जन को पत्र लिखकर लगाई गुहार
जमशेदपुर
घाटशिला के उत्तरी मऊभंडार की कीताडीह पंचायत के रहने वाले गंगाधर सिंह के नकली आंख मामले में जिस जमशेदपुर केसीसी आई हॉस्पिटल को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है, आज उस अस्पताल के प्रबंधन ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। राज्य के स्वास्थ मंत्री , उपायुक्त, एसएसपी, सिविल सर्जन को लिखे पत्र मेंकहा गया है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिये। ताकि असलियत सभी के सामने आये। इस मामले में अस्पताल पर आरोप है कि गंगाधर सिंह की आंख निकाल कर उसमें कांच की नकली आंख लगा दी गयी. कुछ दिन पहले सूजन और खुजली होने पर जब उन्होंने अपनी आंख को मला, तो कांच की गोली बाहर निकल आयी. इसके बाद गंगाधर ने 11 अक्तूूबर को जमशेदपुर के साकची थाने में हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
गंगाधर ने बताया कि 18 नवंबर 2021 को अस्पताल संचालक ने कुछ और लोगों की मदद से उनको जमशेदपुर बुलवाया और बहला-फुसलाकर अपने हॉस्पिटल में दाहिनी आंख का ऑपरेशन कर दिया. डॉक्टर एके गुप्ता ने यह आपरेशन किया. इसके बाद उनके दाहिने आंख के ऊपर सूजन आ गयी. उन्होंने अस्पताल के प्रबंधक को इसकी जानकारी दी, तो एक महीने के बाद इसी हॉस्पिटल की ओर से उन्हें कोलकाता रेफर किया. एक महीने तक कोलकाता में रखकर उनका इलाज किया गया. फिर वापस जमशेदपुर लाकर एक महीने तक यहां रखा गया. गंगाधर ने बताया कि उनकी असली आंख निकाल कर कांच की गोली लगा दी गयी थी. इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. ऑपरेशन के वक्त उनको बेहोश कर दिया गया था.
केसीसीआई अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल को बदनाम करने की साजिश के तहत सच्चाई को छिपाया जा रहा है और झूठा आरोप गढ़ा जा रहा है. लिखे पत्र में अस्पताल की ओर से कहा गया है कि घाटशिला निवासी गंगाधर सिंह का पिछले साल 18 नवंबर 2021 को केसीसीआई अस्पताल में मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन हुआ था. छुट्टी देते समय उन्हें कुछ दिनों के लिए काफी एहतियात बरतने की सलाह अस्पताल की ओर से देते हुए कहा गया था कि वह कोई ऐसा काम न करे, जिससे उसकी आंख पर बुरा प्रभाव पड़े. 24 नवंबर 2021 को मरीज गंगाधर सिंह दोबारा अस्?पताल में आंख में दर्द की शिकायत लेकर आये. जब उनसे पूछा गया कि कोई लापरवाही तो नहीं बरती गई तो उसने बताया कि उसने खेतों में काम किया था. अस्?पताल के डॉक्?टर की जांच में गंगाधर की आंख में संक्रमण होने की बात सामने आयी. इसके बाद अस्पताल ने उसे ऑपरेशन के लिए कोलकाता मेडिकल कॉलेज ऑफ हॉयर सेंटर में भेजा, जहां जांच में पेन ऑफ टलमिट्स (आंख का संक्रमण) सामने आया. वहां गंगाधर की आंख का ऑपरेशन कर कृत्रिम आंख लगायी गयी. कुछ दिन पूर्व गंगाधर की आंख में खुजली हुई और उसकी कृत्रिम आंख गिर गयी. इसके बाद इस प्रकरण पर मरीज की मदद करने के बजाय केसीसीआई अस्पताल के खिलाफ साजिश होने लगी. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि एक साल के बाद किसी को कैसे पता चल सकता है कि उसकी आंख नकली है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिये।