आदित्यपुर, जिस कन्हैया सिंह की हत्या को लेकर पूरे प्रदेश में उफान मचा था , उसका खुलासा उससे भी अधिक चौंकाने वाला है। पूर्व विधायक अरविंद सिंह के साले कन्हैया सिंह की हत्या में उनकी बेटी अपर्णा सिंह भी शामिल रही है। आज सरायकेला खरसावां के आरक्षी अधीक्षक आनंद प्रकाश ने एक संवाददाता सम्मेलन में पूरे मामले का खुलासा किया। पूरे प्रकरण में कई ऐसी बातें सामने आई हैं जो सामाजिक व्यवस्था के साथ साथ पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाली है । कन्हैया सिंह अपनी बेटी औरउसके प्रेमी राजवीर सिंह के संबंधों से नाराज थे और बाद में प्रेमी प्रेमिकाओं की नाराजगी इतनी बढी कि उन्होंने इतना खौफनाक कांड कर डाला। इस कांड में राजवीर सिंह(21 वर्ष), निखिल गुप्ता(25 वर्ष), अपर्णा सिंह(20 वर्ष) एवं एक नाबालिग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दो अन्य अपराधी छोटू एवं रवि सरदार की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी चल रही है.
आटो क्लस्टर आदित्यपुर में एसपी आनंद प्रकाश ने बताया की प्रेम प्रसंग को लेकर ही प्रेमी और उसके साथियों के साथ मिलकर कन्हैया सिंह की हत्या उनकी बेटी ने करवाई थी । पिछले तीन साले से इसकी साजिश चल रही थी। इसी साल 20 जून को पटना में कन्हैया सिंह की हत्या का प्रयास किया गया था ेलेकिन अधिक भीड़ भाड़ होने के कारण वे बच गये। फिर 29 जून को राजबीर सिंह ने अपने साथी निखिल गुप्ता ने सौरव किस्कू, छोटू दिग्गी और रवि सरदार के साथ मिलकर हत्या कर दी। सौरभ किस्कु कांग्रेस नेता छोटराय किस्कु का बेटा है। उन्होंने बताया कि सौरभ किस्कू ने 8500रु में निखिल को कट्टा दिलाया था। गोली निखिल गुप्ता ने ही चलाई थी। घटना को अंजाम देने के बाद सभी अगल अलग रास्ते से फरार हो गए । निखिल गुप्ता किसी और रास्ते से भागा जबकि सौरव और छोटू दिग्गी अलग दिशा में भागे थे।
प्रेमी को रिवाल्वर सटाकर कन्हैया ने दी थी धमकी
आरक्षी अधीक्षक ने बताया कि अपर्णा का उसके प्रेमी के साथ पिछले 5 वर्षों से प्रेम संबंध चल रहा था पिता कन्हैया सिंह को यह संबंध स्वीकार नहीं था वह अपनी बेटी एवं उसके प्रेमी को कई बार डांट फटकार कर चुके थे। कन्हैया सिंह ने अपने कार्यालय में राजवीर को बुलाकर उसकी कनपटी पर रिवाल्वर सटाकर उसके साथ मारपीट की और धमकी भी दी थी। दबाव में आकर राजगीर सिंह के पिता आदित्यपुर स्थित अपना आवास ओने पौने दाम में बेच कर मानगो भाड़े के मकान में रहने लगे थे।
राजवीर पर दबाव बनाने के लिये अपर्णा ने चूहा मारने की दवा खाने का वीडियो बनाया था
आरक्षी अधीधक के अनुसार बाद में अपर्णा ने संदेश भेजकर राजवीर से बात करने की कौशिश की लेकिन लडक़ा तैयार नहीं हुआ।इसके बाद अपर्णा ने लडक़े पर दवाब बनाने के लिए चूहा मारने की दवा खाते हुए वीडियो बनाते हुए बनाकर लडक़े को भेजा।इसके बाद फिर दोनो में बात होने लगी। दोनोके मन में कन्हैया सिंह के प्रति गुस्सा बढता जा रहा था और बदला लेने की भावना पनपने लगी। इसके बाद राजवीर ने अपर्णा से कहा कि कहा कि जब तक तुम्हारे पिता रहेंगे हम दोनो का जीना हराम कर रखेंगे। हम कभी भी एक नहीं हो पाएंगे। तब दोनो ने तय किया कि कन्हैया सिंह को रास्ते के हटाना होगा। योजना को साकार करने के लिये राजवीर अपने अलग अलग दोस्तों से संपर्क करने लगा। इसी क्रम में माझी टोला आदित्यपुर निवासी पुराना दोस्त निखिल गुप्ता से इस बात को साझा किया। निखिल भी कन्हैया सिंह से नाराज था। उसने बताया कि रास्ते में आने जाने के क्रम में कन्हैया सिंह ने उसे भी बेइज्जत किया था। इसके बाद निखिल भी बदला लेने के लिये तैयार हो गया। फिर अपर्णा अपने पिता की हर गतिविधि की जानकारी राजवीर को देने लगी। राजवीर को हमेशा पता होता था कि कन्हैया सिंह कहां हैं।
इसी के बाद अपने प्रेमी कन्हैया सिंह की हत्या की योजना बनाने लगा। आदित्यपुर स्थित अपने पुराने दोस्त निखिल गुप्ता से संपर्क किया। उसे सारी बातें कही। निखिल ने भी कहा कि कन्हैया सिंह उसे भी कई बार बेइज्जत किया है। उधर बेटी अपने प्रेमी को पिता की हर गतिविधि की सूचना देने लगी थी। इसके बाद राजवीर को कन्हैया सिंह की हर गतिविधि के जानकारी होने लगी 20 जून 2022 को अपर्णा ने राजवीर को बताया कि उसके पिता सोनपुर गए हुए हैं वहां पर उसके नाबालिग दोस्त ने एक व्यक्ति से संपर्क कर हथियार उपलब्ध कराया सोनपुर लडक़ी के बताए अनुसार कन्हैया सिंह को मारने के लिए राजवीर, निखिल और अपने दोस्त के साथ गया। लेकिन वहा भीड़भाड़ होने के कारण वे सफल नहीं हो पाए।
पिता की हत्या के लिये बेटी ने प्रेमी को दे दी थी हीरा की अंगूठी
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि हत्या कराने के लिए अपर्णा ने राजबीर को अपनी हीरे की अंगूठी दे दी थी. अंगूठी बेचकर पैसे जुटाने के बजाय राजबीर ने खुद पैसे शूटर को दिये. कन्हैया सिंह ने बेटी की शादी अन्यत्र कराने की योजना बनाई थी और लडक़े की तलाश कर रहे थे . पता चला है कि अर्पणा और उसके प्रेमी राजबीर की बेचैनी बढ़ गई. और दोनों ने मिलकर हत्या की योजना बना डाली.
आरक्षी अधीक्षक ने एसडीपीओ हरविंद्र सिंह के नेतृत्व में 15 सदस्यीय एसआईटी का गठन कर ऑपरेशन में लगाया. एसआईटी में आधा दर्जन थानेदार एवं इतने ही एएसआई रैंक के अधिकारियों को शामिल किया गया. इनमें आदित्यपुर थाना प्रभारी राजन कुमार, गम्हरिया थाना प्रभारी राजीवी कुमार सिंह, कांड्रा थाना प्रभारी राजेंद्र प्रसाद महतो ,सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार, खरसांवा थाना प्रभारी प्रकाश रजक, आरआईटी थाना प्रभारी तंजीत खान शामिल थे। इसके अलावे टेक्निकल सेल के अधिकारियों को भी शामिल किया गया,अंतत: 9 वें दिन पुलिस ने कन्हैया सिंह हत्याकांड काखुलासा किया।
एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि कन्हैया सिंह की बेटी ही घटना के दिन अपने पिता के लोकेशन की पल- पल की जानकारी राजवीर सिंह को दे रही थी. कन्हैया सिंह की बेटी ने अपने पिता की हत्या के लिए शूटर को अपने हीरे की अंगूठी बतौर पेशगी दी थी. हत्या के बाद निखिल सीधे राजवीर के घर मानगो गया. राजवीर ने उसके जूते छिपाए और कुछ पैसे दिए. उसके बाद वह बक्सर(बिहार) चला गया. उन्होंने बताया कि पूरे कांड का उद्भेदन तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर किया गया है. उन्होंने बताया कि कांड से संबंधित सभी साक्ष्य राजवीर ऑडियो क्लिप के जरिए अपर्णा को भेजता था. घटना से 5 दिन पूर्व राजवीर ने निखिल के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की. जिसके बाद अपर्णा ने सहमति जताई. फिर इस कांड को अंजाम दिया गया. उन्होंने बताया कि सरायकेला- खरसावां कांग्रेस के जिलाध्यक्ष छोटे राय किस्कू के पुत्र सौरभ किस्कू ने हथियार मुहैया कराई थी. इससे पूर्व एक अटैम्प और भी लेने की बात उन्होंने कही, जिसमे असफल होने के बाद 29 जून को दूसरे अटैम्पट में कन्हैया सिंह को प्लानिंग के जरिए रास्ते से हटा दिया. चारों के पास से पुलिस ने अभियुक्तों से 4 मोबाइल, एक कट्टा, खोखा के साथ टी-शर्ट और गमछा, एक जूता, अपर्णा का हीरा के अंगूठी निखिल के घर से बरामद किया. साथ ही एमजी हेक्टर जेएच 05 सी वाई- 3902 बरामद किया है.
माझी टोला में ही रहता था राजवीर
हत्याकांड से पर्दा हटाते हुए सरायकेला-खरसवां के एसपी आनंद प्रकाश ने मीडिया को शुक्रवार को बताया कि राजवीर पूर्व में माझीटोला में ही रहा करता था. यही डीएवी एआइटी में पढऩे के दौरान अपर्णा और राजवीर की नजदीकी बढ़ी जो समय के साथ प्यार में तब्दील हो गई. यही रहते हुए राजवीर की पहचान निखिल गुप्ता से हुई थी. उसे पता था कि इस काम में निखिल ही उसकी मदद कर सकता है. निखिल आपराधिक किस्म का है और वह पूर्व में हत्या के मामले में जेल भी जा चुका है. उसने निखिल से संपर्क कर हत्या की योजना बताई.उसने निखिल को तीन हजार रुपये और एक शराब की बोतल भी दी थी. अपर्णा राजवीर को अपने पिता की हर गतिविधि की जानकारी दी थी. इसी बीच उसने बताया कि 19 जून को उसके पिता बिहार के सोनपुर जा रहे हैं. 20 जून को राजवीर अपने साथी निखिल के साथ कार से सोनपुर के लिए रवाना हो गया. उसके साथ कांग्रेस सरायकेला-खरसावां जिला के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष छोटराय किस्कू का नाबालिग बेटा भी सहयोग कर रहा था. नाबालिग ने पटना में 8.5 हजार में हथियार उपलब्ध करवाया. 21 जून को सभी सोनपुर पहुंच गए. हालांकि, वहां भीड़-भाड़ होने के कारण वे लोग योजना में सफल नहीं हो पाए और दूसरे दिन ही वापस आ गए.
सीसीटीवी फुटेज से पकड़ाया निखिल
सीसीटीवी जांच के दौरान पुलिस को एक फुटेज हाथ लगी जिसमें पुलिस ने निखिल को देखा. निखिल 6 जुलाई को अपने घर वापस आ गया था. पुलिस ने तत्काल उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो हत्या का खुलासा हुआ. हालांकि, अब तक पुलिस को सिर्फ राजवीर के बारे में ही जानकारी थी. इसके बाद पुलिस ने राजवीर को कोलकाता से हिरासत में लिया. राजवीर ने पूरी कहानी पुलिस के सामने रख दी. पुलिस ने बिहार से अपर्णा को भी गिरफ्तार कर लिया. सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.