जमशेदपुर , 21 जनवरी :
कालुू बगान हत्याकांड़ के मृतक गोलू का शव आज भी नहीं उठा.हालत मरा न कोई रोवनहार वाली है.इसके दो छोटे बच्चे और मां है.बहन और बहनोई ने थाना में प्रथामिकी दर्ज करायी है.समाज और प्रशासन के समक्ष यह एक ऐसी समस्या है जो मानवता और कानून की शक्ति को सीधे चुनौती दे रही है.न कानून इस मामले को उतनी गंभीरता से ले रहा है ,न समाज के लोग आगे आ रहे है.हत्या के तीन दिन बीत जाने के बाद भी शव का दाह संस्कार न होना शव के सम्मान के साथ मजाक बना रहा है.
हालांकि पेंच उतना कठिन नहीं दिख रहा है. बात मृतक के बच्चो के जीवन यापन के लिये मुआवजा दिलाने की पता चल रही है जिस पर सब कन्नी काट रहे है.विवाद कालू बागन में सडक़ किनारे टाटा मोटर्स के ट्रांसपोर्टर द्वारा चेचिस खड़ा करने को लेकर हुआ. बताया जाता है ट्रांसपोर्टर विजय सिंह नाम का व्यक्ति है जिसके जिम्मे टाटा मोटर्स ने चेचिस देकर उन्हे गंतव्य तक पहुंचाने का ठेका दे रखा है .बीच मेंं करमजीत सिंह उर्फ कर्मे विजय सिंह का दलाल है जो उनसे चेचिस लेकर भेजता है.हत्या का आरोप कर्मे उसके बेटे रोहित व आनन्द पर है .सबको उम्मीद है कि जिसने हत्या की,जिनके जिम्मे चेसिस है और जिस कम्पनी की चेचिस है उनको मृतक के बच्चो के भविष्य का प्रबंध करना चाहिये. बस्ती के युवकों ने चेचिस के चक्को की हवा निकाल रखी है ताकि जबतक मामला सलटे नहीं चेचिस स्थल से हटे नही.पूरा मामला शीशे की तरह साफ है .जरुरत है तो प्रशासन और समाज को आगे बढकर इसमें कानून और मानवता की शक्ति का एहसास करायें.सराकर गरीबो की,प्रशासन गरीबो के लिये खास तौर पर सजग,समाज में वचिंत लोगों के कल्याण के लिये दुहाई देने वालो की भरमार है लेकिन फिर भी नातीजा सिफर करमे पैसे की ताकत पर बचने की ताक में तो विजय सिंह येन केन प्राकरेण हथकंडे लगाकर चेचिस वहां से निकालने की ताक में, टाटा मोर्टस अपना चेचिस हटवाने की फिराक में. मृतक के परिवार के दर्द के साथ ना कानून खड़ा दिखाई दे रहा है न समाज.तीन दिन बीत जाने के बाद भी कही कोई ठोस पहल नहीं दिखाई दे रही.अभी तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी नहीं हुई.करमें इतनी बड़ी हस्ती हो गया है जो पुलिस से बचकर भाग रहा है.अपनी रंगदारी कायम करने में लगा हुआ है.आश्चर्य है कि उसे इतनी हिम्मत आई कैसे?एक तो नाजयाज ढंग से रिहाईशी इलाके में चेचिस पार्क बना दिया ,कुछ विवाद हुआ तो युवक को इस तरह पीटा कि उसकी मौत हो गई,टाटा मोटर्स कैसे निश्चिंत बैठा रहता है जो उसकी गाडिय़ा कोई ठेकेदार कहीं भी ले जाकर खड़ी कर दें .जमशेदपुर में कन्वाई का अलग यार्ड है,मालवाहक ट्रको के लिये ट्रांसपोर्ट नगर है फिर वाहन चालको और ठेकेदारों को इतनी हिम्मत कहां से आती है कि वे जहां मन करें वहां गाडिंया खड़ी कर नागरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करें.