एनएचएएआई को बचे काम में तेजी लाने का निदेश
रांची,10 मार्च : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस एके चौधरी की अदालत में रांची-टाटा फोरलेन के बाकी बचे काम के मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि बाकी बचे काम में एनएचएआइ तेजी लाए और सडक़ का काम जून, 2021 तक पूरा करे। अदालत ने सरकार से एनएच पर तेज गति पर अंकुश लगाने के लिए स्पीड गन और नियमानुसार ट्रामा सेंटर बनाए जाने को लेकर जवाब मांगा है। वहीं, एनएचएआइ से सडक़ निर्माण की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। सुनवाई के दौरान एनएचएआइ ने कहा कि अब तक सडक़ का 88 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। काम में तेजी लाई जा रही है ताकि जल्द से जल्द सडक़ को पूरा किया जा सके। कोरोना काल में काम बंद था, लेकिन अब शुरु हो गया है। दलमा में हाथियों के लिए अंडर पास बनाया जा रहा है। वहीं, जमशेदपुर के पास ओवरब्रिज बनाया जाना है, क्योंकि सडक़ के नीचे बिजली, पानी, फाइबर केबल को हटाया जाना संभव नहीं है। इसके लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है। वहीं, सरकार ने कहा कि अतिक्रमण और पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए उपायुक्त के साथ एनएचएआइ के अधिकारियों की बैठक हुई है और इस मुद्दे का समाधान कर लिया गया है।
इस दौरान अदालत को बताया गया कि सडक़ निर्माण क्षेत्र में आने वाले 14 इंच से कम मोटे पेड़ को दूसरी जगह लगाया जा सकता है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है। इसके बाद भी राज्य सरकार सिर्फ सात इंच मोटे पेड़ को ही ट्रांसप्लांट करने की बात कह रही है। इस पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है। वहीं, एनएचएआइ ने कहा कि हजारीबाग-बरही एनएच के किनारे पौधरोपण किया गया है और उनकी जियो टैगिंग की जा रही है ताकि पेड़ों की देखभाल की जा सके।
तबरेज अंसारी मामले में हाई कोर्ट का सवाल
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में हिंसक भीड़ का शिकार हुए तबरेज अंसारी के मामले की सीबीआइ जांच की मांग वाली
याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से इस तरह की घटनाओं को रोकने और और पीडि़तों के पुनर्वास के लिए उठाए गए कदम की जानकारी मांगी। अदालत ने सरकार से पूछा है कि तहसीन पूनावाला के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का राज्य में कितना पालन किया गया है। इस मामले के पीडि़त के परिजनों के पुनर्वास के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। चार सप्ताह में विस्तृत जानकारी हाई कोर्ट पेश करनी है। सरायकेला में जून 2019 में उन्मादी भीड़ की हिंसा का शिकार हुए तबरेज अंसारी के चाचा मकबूल आलम ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया है। इस मामले में सरकार ने जवाब दाखिल कर बताया कि चोरी करते हुए पकड़े जाने पर कुछ लोगों ने तबरेज की पिटाई की थी।
पुलिस ने उसे लोगों से बचा कर अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में जांच पूरी कर ली गई है। प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता ए अल्लाम ने अदालत को बताया कि इस घटना में पुलिस की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। पुलिस ने तबरेज को समय से अस्पताल नहीं पहुंचाया था। इस पर अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तहसीन पूनावाला केस में वर्ष 2018 में सभी राज्य सरकारों को उन्मादी भीड़ द्वारा हत्या के मामले में कई कदम उठाने को कहा था।
सभी सरकारों को इस तरह की घटना पर निगरानी के लिए एक कमेटी बनाने को कहा था। हर इलाके में एक ऐसे अधिकारी की प्रतिनियुक्ति होनी थी, जो ऐसी घटनाओं पर नजर रखे। इस अधिकारी को घटना के बाद पीडि़त के इलाज से लेकर सजा दिलाने तक की पूरी प्रक्रिया करनी थी। पीड़?ित परिवारों के पुनर्वास का व्यवस्था करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है। उनके परिजनों के पुनर्वास और बच्चों को उचित शिक्षा की व्यवस्था भी सरकार को करनी थी। अदालत ने इसपर राज्य में कितना काम किया गया है इसकी पूरी जानकारी मांगी है।