, रांची धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी है, इसलिए सीबीआई हैंडओवर लेते हुए तुरंत जांच शुरू करे.जांच के दौरान सीबीआई टाइम और स्पीड का ख्याल रखे. मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई हो, ताकि निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके. कोर्ट ने राज्य सरकार को सीबीआई जांच में पूरा सहयोग करने का निदेश दियां. रिकॉर्ड के साथ-साथ लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दिया जाए. कोर्ट मामले की मॉनिटरिंग करता रहेगा. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. सुनवाई के दौरान डीजीपी एवं धनबाद के एसएसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे.
खंडपीठ ने एसआईटी की स्टेटस रिपोर्ट को देखने के बाद कड़ी नाराजगी जतायी. जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए मौखिक रूप से पूछा कि जब घटना सुबह 5:08 की है, तो प्राथमिकी 12:45 बजे क्यों दर्ज की गई. डीजीपी से पूछा कि आपके यहां से ही सीसीटीवी फुटेज वायरल किया गया, आपने वायरल करनेवाले के खिलाफ कार्रवाई भी की है, वैसी स्थिति में विलंब से प्राथमिकी क्यों दर्ज की गयी.
खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट पहले दिन ही मामले की जांच सीबीआई को देना चाहता था, इस पर महाधिवक्ता ने कहा था कि ऐसा करने से झारखंड पुलिस के मनोबल पर असर पड़ेगा. अब ऐसा क्या हुआ कि सरकार पलट गयी. दो दिन में ही सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी.
अदालत ने
इस मामले की जांच के लिए एसआईटी को सभी दस्तावेज और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है।
इस पर सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार की ओर से अनुशंसा से संबंधित पत्र मिला है। कल (बुधवार) सीबीआई की ओर से जांच का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। मामले की
सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई। इस दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। इसके लिए सरकार के स्तर से अनुशंसा की गई है।
कोर्ट ने सीबीआई को कहा है कि तत्काल धनबाद के न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं। उनके आवासीय क्षेत्र में भी पुलिस जवानों की तैनाती की जाए। इस घटना के बाद न्यायिक पदाधिकारी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस पर ष्ठत्रक्क नीरज सिन्हा ने तुरंत सुरक्षा प्रदान करने का कोर्ट को आश्वासन दिया है।
महाधिवक्ता ने कहा- इस मामले में दूसरे राज्य से भी जुड़ सकते हैं तार
महाधिवक्ता ने कहा कोर्ट को बताया है कि इसके तार दूसरे राज्य से जुड़े हो सकते हैं। ऐसे में सीबीआई ही इस मामले की जांच के लिए उपयुक्त है, क्योंकि अगर इस मामले के जांच दूसरे राज्यों से जुड़ती हैं तो पुलिस को जांच करने में परेशानी होगी। इससे पहले कोर्ट को पिछली सुनवाई के दौरान उन्होंने इस मामले को सीबीआई को सौंपने कहा था तो महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि इससे पुलिस के अधिकारियों का मनोबल टूटेगा।
जज की हत्या मामले को लेकर गठित sit ने मंगलवार को रंजय सिंह की पत्नी और पिता को तलब किया है। उनसे एसआईटी की टीम बात कर रही है। रंजय सिंह मर्डर मामले का केस भी ्रडीजे-8 उत्तम आनंद की कोर्ट में चल रहा था।