Jubilee park : बन्ना गुप्ता एक सप्ताह में सड़क और पार्क खुलवाएं, नहीं तो आंदोलन, पुतला दहन: जन सुविधा की छिनतई बरदाश्त नहीं: अभय सिंह

Jamshedpur ,28 August : भाजपा नेता धनबाद ज़िला प्रभारी अभय सिंह ने आज एक बयान में कहा कि एक सप्ताह के अंदर मंत्री बन्ना गुप्ता जुबली पार्क खुलवाएं, अन्यथा हर चौक चौराहे पर उनका पुतला जलेगा और जरूरत पड़ी तब जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। विदित हो कि जुबली पार्क प्रकरण में मंत्री बन्ना गुप्ता का यह कहना की हर हाल में जुबली पार्क खुलेगा इसमें कोई राजनीति ना करें । सवाल राजनीति का नहीं ,लोगों के धैर्य का है। कोविड कारणों से लोग जुबिली पार्क सड़क की बंदी बर्दाश्त करते रहे, लेकिन अब इसकी आड़ में अगर कोई निजी हित मे चाहे वह किसी कंपनी का ही क्यों न हो , सुविधा छीनने और अपनी रोटी सेंकने की कोशिश करे तब विरोध का स्वर उठाना राजनीति कैसे हो सकती है। आम जन के हित मे पार्टी और किसी भी अन्य भावना से ऊपर उठकर सब लोगों को एकजुट करने का प्रयास होगा। श्री सिंह ने सरयू राय के प्रयासों का स्वागत किया।

श्री सिंह ने कहा मंत्री बन्ना गुप्ता से सवाल किया जब कोई व्यक्ति सड़क जाम करता है तब झारखंड सरकार या जिला प्रशासन 353 IPC धारा के तहत नन बेलेबल सेक्शन के तहत उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज देता है, फिर अगर कंपनी ने सड़क बंद किया तब सरकार और प्रशासन चुप क्यों है? क्या सरकार। और प्रशासन की शह पर ऐसा किया गया है? अगर हां तब प्रशासन नोटिफिकेशन जारी कर दे, चुप चाप यह काम शंका पैदा करता है। आज पूरे 2 वर्ष हो गए जब कोरोना के नाम पर जुबली पार्क में गतिविधियों को बंद किया गया है । आखिर क्यों , जनता को स्पष्ट बताया जाय, न कि राजनीति की हवा उड़ाई जाय। ऐसा नहीं हो सकता कि जबरा मारे और रोने भी ना दे।

उन्होंने कहा है स्थानीय कारपोरेट कंपनी की नीयत में ही खोट है कि वह आने जाने वाले रास्ते को बंद कर अपनी संपत्ति विस्तार चाहती है। आखिर कैसे, जबकि जमीन का मामला सरकार के नियमों से नियंत्रित होता है ? श्री सिंह ने कहा आप इस क्षेत्र के विधायक है, माननीय मंत्री है ,हजारों बार जुबली पार्क के अगल-बगल से गुजरे हैं लेकिन एक बार भी आपके द्वारा इसको खोलने का प्रयास नहीं हुआ, न ही कानून के तहत यह संज्ञान लिया गया कि आखिर सड़क क्यों बंद है जबकि रोज अखबारों और सोशल मीडिया में इसकी चर्चा हो रही है।

जब राजनीतिक दल के लोग चिल्लाने लगे जनता के हित पर सवाल खड़े करने लगे तब आपकी कुम्भकर्ण निद्रा टूटी और उसपर भी ठीकरा राजनीति के नाम पर फोड़ने के साथ।इससे यह प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है।

हम आपसे पूछना चाहते हैं क्या लीज भूमि संबंधी कानून यहाँ इस शहर मे लागू नही है ? क्या संविधान निरीह और कमजोर व्यक्तियों तक ही सीमित है ?क्या भारत में कानून का डंडा कमजोर लोगों पर ही चलता है?
यह नहीं भूलना चाहिए कि यह शहर की आबादी 20 लाख के ऊपर है और भारी वाहनों से लेकर छोटी गाड़ियों की संख्या भीषण रूप से बढ़ गयी है। आने वाले 25 वर्षों मे शहर में रेंगना भी मुश्किल होगा। अगर हम आज अपने मौलिक अधिकारों पर चुप रहेंगे तो आने वाली पीढ़ियां क्या पाएंगी? अधिकारी आज आएंगे कल चले जायेंगे। अपने पदस्थापन के अल्प कालखंड में उन्हें सब कुछ बिना लोगों को विश्वास में लिए बदलने का सपना देखने से बचना चाहिए।
आखिर बंद करने की इजाजत किसने दी? उपायुक्त ने कहा कि हम सड़क खुलवा देंगे पर न पार्क खुला न सड़क और न ही काटी गयी सड़क की मरम्मत शुरू हुई? सड़क आखिर खोलने में दिक्कत क्या है ?यह काम जनता के बीच में पारदर्शिता के साथ होना चाहिए।
अभय सिंह ने कहा बिना झारखंड सरकार की अनुमति के यह नहीं हो सकता था जिला प्रशासन इस सरकार में किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में खड़ा है। क्यों?
उन्होंने कहा जमशेदपुर की जनता इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेगी कोरोना के कारण इस वैश्विक महामारी के कारण हम सरकार को मदद करना चाहते हैं, परंतु जिस प्रकार सरकार हठधर्मिता करके जनता के मौलिक अधिकारों को छीनना चाहती है हम उसका विरोध करेंगे
मंत्री से आग्रह है 1 सप्ताह के अंदर आप सड़क खुलवाएं अन्यथा उसके बाद बड़ा जन आंदोलन खड़ा होगा जिसमें जेल भरो आंदोलन तक हम लोग करेंगे ।
सरकार को यह बताना होगा इसकी वैकल्पिक व्यवस्था क्या है? अगर जमीन के नेचर को चेंज किया गया तो इस मुद्दे पर दल हित राजनीति से ऊपर उठकर हम आंदोलन करेंगे और हर चौक चौराहे पर मंत्री बन्ना गुप्ता का पुतला जलाएंगे।

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