चित्र में परिलक्षित जेब्रा क्रासिंग के पास ही ब्लूस्कोप शीट से घेराबंदी की गयी थी
Jamshedpur,17 August : जुबिली पार्क होकर गुजरने वाले आम रास्ता को बंद कर उस पर घास उगाने की प्रक्रिया रोक दी गयी लगती है। हलांकि इस संबंध में टाटा स्टील कंपनी या ज़िला प्रशासन द्वारा कोई आधिकारिक विज्ञप्ति जारी नहीं की गई। आम रास्ता को बंद करने के संबंध में भी कोई पूर्व सूचना जारी नहीं की गई थी। कोविड गाइड लाइन के अनुपालन के क्रम में जुबली पार्क को जो बंद किया गया वह पार्कों के खोलने के सरकार के आपदा प्रबंधन संबंधी अन लॉक आदेश के बावजूद नहीं खोला गया,अलबत्ता सुबह की सैर के लिए कुछ बंदिशों और नियमों के तहत नित सुबह कुछ घंटों के लिए इसे खोला गया। विधायक सरयू राय ने पूरे हालात पर प्रतिवाद जाहिर किया। सुबह की सैर के लिए पार्क में आने वालों को पहचान दिखाने और फिक्स्ड ड्राप गेट से झुक कर प्रवेश को उन्होंने अपमानजनक और गैर जरूरी बताया। आम रास्ता को बंद कर उसे पार्क में मिलाने को भी उन्होंने मनमानी कार्रवाई बताया। गत 16 अगस्त को प्रातःकाल उन्होंने पार्क का भ्रमण कर अपना विरोध बयान भी जारी किया । 18 अगस्त की सुबह पुनः उन्होंने पार्क में जाकर स्थिति के भ्रमण की जानकारी दी है।
इस बीच आज जुबिली पार्क सड़क पर जो ब्लू स्कोप शीट से घेराबंदी की गई थी उसे हटा दिया गया । एस डी ओ आज पार्क का भ्रमण कर सड़क कटाई के संबंध में निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को देने वाले थे। उपायुक्त सूरज कुमार ने पिछले दिनों कहा प्रशासन और कानून से ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने सड़क पर घास नहीं लगाने और पार्क प्रवेश में पहचान पत्र की बाध्यता को समाप्त करने का आदेश दिया था जिसका अनुपालन नहीं होने पर उन्होंने एस डी ओ को जांच करने का निर्देश दिया ।
पार्क के किनारे आम रास्ता को बंद करने के लिये जो तर्क दिए जा रहे हैं उस पर विधायक श्री राय का कहना है कि सुरक्षा के पहलू को पार्क की चौहदी को स्टील फ्रेम लगा कर और पार्क के दोनों भागों को जोड़ने के लिए बीच मे कहीं फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कर दूर किया जा सकता है। यह सड़क सोनारी से बिस्टुपुर सर्किट हाउस एरिया और साकची के बीच हार्ट लाइन है। यह सड़क पहले अंडा या चूजा की तरह कहावत वाले विवाद में पड़ गयी है जब लोग कहते हैं कि पहले सड़क थी उसके बाद पार्क का विस्तार होते – होते यह बीच मे आ गयी और अब कहा जा रहा कि पार्क के बीचो बीच कहीं सड़क गुजरते देखा है क्या ? जुबिली पार्क सड़क शहर के इस भाग में ट्रैफिक लोड का बहुत हिस्सा शेयर करती है। वैकल्पिक सड़क पर जिस पर तीन विद्यालय भी हैं , ट्रैफिक लोड को सहन करने की क्षमता बढ़ाये जाने या ओवर ब्रिज का निर्माण कराने के पहले पार्क सड़क को बंद करने की कोशिश पर ऐसा जन विरोध स्वाभाविक लगता है। इन सब पहलुओं पर जन सुनवाई के तर्ज पर सार्वजनिक चर्चा के पहले ही गुपचुप ढंग से आम रास्ता को बंद करने और कोविड प्रतिबंधों के नाम पर पार्क का स्वरूप बदलने से न चाहते हुए भी लोगों की भावनाएं भड़कीं और टीका टिप्पणी शुरू हुई। टाटा स्टील को यहां के लोग अपना परिवार मानते हैं और संस्थापक टाटा साहब की पूजा करते हैं। फिर ऐसे जन विरोध की नौबत क्यों आयी, इस पर कंपनी प्रबंधन के जिम्मेवार अधिकारियों को विचार करना चाहिए । तुर्की मुगल शासक तुगलक की तरह बनाओ और फिर तोड़ो का फरमान कैसे जारी हुआ और इसके पीछे थिंक टैंक क्या कर रहा जो आये दिन सड़क, पार्क और मैदान को घेरने के सवाल पर जनता सवाल करने लगती है और फिर कंपनी को पीछे हटना पड़ता है।