झारखंड: मंत्री ने माना चिकित्सा सुविधा नहीं मिलना शर्मनाक

ट्रैक्टर ट्रॉली में लिटाकर मरीज लाने के मामले में चंपई सोरेन ने कहा शर्मनाक, उपायुक्त को दिए कार्रवाई का निर्देश

चांडिल । 31 जनवरी को सरायकेला खरसवां जिले के चांडिल प्रखंड के चौका थाना क्षेत्र चौका स्थित ईंट भट्ठा में काम करने वाली मजदूर कमला कर्मकार को ट्रैक्टर की ट्रॉली में लिटाकर उपस्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था लेकिन वहां उपचार नहीं होने से महिला को निजी प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज कराया गया था। सरकारी 108 एम्बुलेंस नहीं मिलने से ट्रैक्टर ट्रॉली में लिटाकर मरीज को ले जाने का मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। ट्विटर यूजरों ने सूबे के स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले को मंत्री चंपई सोरेन ने संज्ञान में लिया है। मंत्री ने ट्विटर पर कहा है कि यह शर्मनाक है। मंत्री चंपई सोरेन ने सरायकेला खरसवां के उपायुक्त को मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
बताते चलें कि चक्कर आने से ईंट भट्ठा में काम करने वाली महिला गिरकर बेहोश हो गई थी।जिसके बाद शरीर अकड़न होने लगीं। लेकिन, ईंट भट्ठा मालिक तथा संचालक ने जानकारी मिलने के बाद भी इलाज की व्यवस्था नहीं की। बताया गया कि अन्य मजदूरों व स्थानीय लोगों ने कई बार 108 एम्बुलेंस पर फोन किया लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची। जिससे परेशान और लाचार होकर महिला के पति रथु कर्मकार तथा अन्य मजदूरों ने उसे ट्रैक्टर की ट्रॉली में लेटाकर चौका के चावलीबासा स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र ले गया था जहां उपस्वास्थ्य केंद्र में कोई भी चिकित्सक नहीं होने से महिला का इलाज नहीं हुआ । वहां मौजूद चपरासी ने ही प्राथमिक चिकित्सा की थी और महिला को एमजीएम जमशेदपुर ले जाने को कहा था। लेकिन, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण प्राईवेट वाहन की व्यवस्था करने में मरीज के परिजन असमर्थ थे। स्थानीय लोगों के सुझाव पर अंत में मरीज को ट्रैक्टर की ट्रॉली में लेटाकर ही चौका स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया गया था।

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