रांची झारखंड राज्य में मॉब लिंचिंग रोकने के लिए झारखंड भीड़, हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 पास हो गया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने विधेयक को सदन में प्रस्ताव रखा। जिस पर स्पीकर ने मतदान कराया और सभी ने अपना मत भी रखा।
वहीं, विधेयक पर चर्चा के दौरान BJP ने जमकर हंगामा किया। BJP के विधायक वेल तक पहुंच गए। उन्होंने इस कानून सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप भी लगाया। पार्टी के तीन विधायकों अमर बाउरी, अमित मंडल और रामचंद्र चंद्रवंशी ने संशोधन प्रस्ताव भी लाए लेकिन सभी खारिज कर दिए गए।
BJP ने बताया काला अध्याय
BJP के विधायक अमित मंडल ने कहा कि सरकार का ये काला अध्याय पूरे झारखंड में लिखा जाएगा। उन्होंने इसे तैयार करने वाले अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इसमें भीड़ को अंग्रेजी में मॉब लिखा गया है और उसके बारे में कहा गया है कि दो या दो से अधिक। किस आधार पर दो व्यक्ति को मॉब लिखा गया है। ये सरकार को खुश करने के लिए IAS अधिकारियों का कारनामा है।
वहीं अमर बाउरी ने कहा कि किसी विशेष वर्ग को तुष्टीकरण के लिए आदिवासी भाइयों पर अत्याचार कर रहे हैं। ये झारखंड विरोधी बिल है।
दोषियों को मौत की सजा का है प्रावधान
झारखंड में अब मॉब लिंचिंग से किसी की मौत हो जाती है तो दोषियों को मौत की सजा मिलेगी। इसके साथ ही 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। लिंचिंग में किसी को चोट आती है तो दोषी को तीन साल तक की सजा और एक लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक का दंड दिया जा सकेगा।
गंभीर चोट आने पर उम्र कैद की सजा
वहीं अगर किसी को गंभीर चोट आती है तो दोषी को 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा और तीन से पांच लाख रुपए तक का जुर्माना किया जा सकेगा। यह कानून पश्चिम बंगाल में पहले से लागू है। अब झारखंड में भी इस कानून को लागू किया जा रहा है। मॉब लिंचिंग की घटना रोकने के लिए राज्य सरकार ने द झारखंड प्रिवेंशन ऑफ लिंचिंग बिल 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
दोषियों के विरुद्ध 3 तरह की सजा का प्रावधान
इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार झारखंड के लोगों की संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए यह बिल ला रही है। इसमें दोषियों के विरुद्ध तीन तरह की सजा का प्रावधान है। ड्राफ्ट को मंजूरी के लिए गृह विभाग भेजा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद उसे कैबिनेट में रखा जाएगा।
उकसाने वालों को भी दोषी माना जाएगा
अगर कोई साजिश रचता है या किसी को लिंचिंग करने के लिए उकसाता है, किसी भी तरह की मदद पहुंचाता है तो उसे उसी ढंग की सजा दी जाएगी, जैसा लिंचिंग करने वाले अपराधी को। अगर कोई आरोपी को गिरफ्तार करने में या सजा के दौरान बाधा पहुंचाता है, तो उसे तीन साल की सजा और एक से तीन लाख तक जुर्माना हो सकेगा।
लिंचिंग का माहौल बनाया तो उसे भी मिलेगी सजा
लिंचिंग के अपराध से जुड़े किसी साक्ष्य को नष्ट करने वाले को भी अपराधी मान कर एक साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। अगर कोई लिंचिंग का माहौल तैयार करने में सहयोग करता है तो वैसे व्यक्ति को तीन साल की सजा और एक से तीन लाख तक जुर्माना होगा। दंडिता प्रक्रिया संहिता के तहत जांच के जो प्रावधान बताए गए हैं, वही प्रक्रिया यहां भी अपनाई जाएगी। इस अधिनियम से जुड़े अपराध गैरजमानतीय होंगे।