रांची16 december राज्य सरकार की बनायी नियोजन नीति 2021 को झारखंड हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। आज मुख्य न्यायधीश डॉ रविरंजन एवं सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया है। इसके साथ ही इस नियोजन नीति के तहत झारखंड से उम्मीदवार का मैट्रिक-इंटर पास होने की अनिवार्यता खारिज हो गई है। इस संबंध में उम्मीदवारों की ओर से पक्ष रख रहे पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस नियोजन नीति के तहत जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं, वे स्वत: रद्द हो जाती हैं। बताते चलें कि रमेश हांसदा एवं अन्य ने झारखंड सरकार की ओर से नियोजन नीति में किए गए संसोधन को गलत बताते हुए याचिका दायर की गई थी।
इन्होंने दायर की थी याचिका
हाईकोर्ट की ओर से आज जिस याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश दिया है। हाईकोर्ट में प्रार्थी रमेश हांसदा, अभिषेक कुमार दुबे, विकास कुमार चौबे, रश्मि कुमारी व अन्य की ओर से अलग-अलग याचिका दायर कर जेएसएससी नियमावली को चुनौती दी थी। जिसमें प्रार्थियों ने नियमावली को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी।
हाईकोर्ट में आज क्या हुआ
झारखंड हाईकोर्ट में आज झारखंड सरकार की नियोजन नीति 2021 को लेकर आदेश जारी किया गया। आदेश के बाद नियोजन नीति रद्द हो गई। राज्य सरकार की ओर से जो नियोजन नीति बनायी गयी थी, उसके मुताबिक राज्य में सरकारी नौकरी के लिए राज्य सरकार के शिक्षण संस्थान से 10वीं-12वीं पास होना अनिवार्य बताया गया था। इसके साथ ही भाषा पेपर से हिंदी-अंग्रेजी को हटा दिया गया था।